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क्या है उत्तराखंड का UCC बिल? जिसे विधानसभा में किया गया पेश, बाल और महिला अधिकारों की होगी सुरक्षा

What Is Uttarakhand UCC Bill In Hindi: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा में यूसीसी बिल पेश किया। इसके जरिए बहुविवाह जैसी प्रथाओं पर रोक लगेगी।

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Feb 6, 2024 17:53
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Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami introduced UCC bill in Assembly
उत्तराखंड के सीएम धामी ने विधानसभा में पेश किया UCC बिल

What Is Uttarakhand UCC Bill In Hindi: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक (Uniform Civil Code Bill) पेश किया। इस दौरान सदन में ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगे। यूसीसी बिल के जरिए राज्य में बहुविवाह जैसा प्रथाओं पर प्रतिबंध लगेगा और सभी धर्मों के लिए विवाह करने की एक समान आयु होगी। विधेयक में सभी धर्म और सम्प्रदायों में महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। सभी अनुसूचित जनजातियों को यूसीसी से बाहर रखा गया है।

सीएम धामी ने क्या कहा?

विधेयक को पेश करते हुए सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए विधानसभा में UCC बिल पेश किया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के लिए वह ऐतिहासिक पल जल्द ही आने वाले है, जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा।

यूसीसी बिल की खासियत

यूसीसी बिल में तलाक और गोद लेने के लिए सभी धर्मों में एक समान कानून लागू करने की बात कही गई है। इसके साथ ही, इसमें तलाक के बाद भरण पोषण का नियम समान करने की भी बात कही गई है। बिल में बहुपत्नी प्रथा को खत्म करने का भी प्रावधान किया गया है।

लड़कियों के लिए शादी की उम्र होगी 18 साल

यूसीसी बिल के मुताबिक, संपत्ति के बंटवारे में लड़की का समान हक होगा, जो सभी धर्मों में लागू होगा। अगर लड़की दूसरे धर्म या जाति के लड़के से विवाह करती है तो भी उसे संपत्ति में समान हक मिलेगा। बिल में कहा गया है कि सभी धर्मों में विवाह की उम्र लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष होगी। वहीं, लिव इन रिलेशनशिप के लिए अब पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में शामिल होगी माता-पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी

यूसीसी बिल में प्रावधान है कि अगर नौकरी करने वाले किसी शख्स की मौत होती है तो पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी शामिल होगी। बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर पत्नी और पत्नी में नहीं बनती है तो 5 साल तक के बच्चों की स्टडी दादा-दादी या नाना-नानी को दी जाएगी।

देश के पहले गांव माणा से ड्राफ्ट का श्रीगणेश

बता दें कि विशेषज्ञ समिति ने चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित देश के पहले गांव माणा से ड्राफ्ट का श्रीगणेश किया था। ड्रॉफ्ट को 43 जन संवाद कार्यक्रमों, 72 बैठकों और प्रवासी उत्तराखण्डियों से चर्चा करने के बाद अंतिम रूप दिया है। ड्राफ्ट में खास तौर पर विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने से जुड़े मामलों को शामिल किया गया है। किसी भी धर्म, जाति, मजहब या पंथ की परम्पराओं और रीति रिवाजों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।

हलाला मामले में तीन साल की सजा का प्रावधान

यूसीसी बिल में हलाला जैसे मामलों के सामने आने के बाद 3 साल की सजा और एक लाख रुपये के जुर्माने या दोनों का प्रावधान किया गया है। वैवाहिक दंपत्ति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का पूरा अधिकार होगा। एक पति या पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। विवाह और तलाक का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो सम्बंधित दम्पति को समस्त सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित होना पड़ेगा।

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व्यक्ति की संपत्ति में पत्नी और बच्चों को समान अधिकार

बिल में सभी वर्गों के लिए पुत्र और पुत्री को संपत्ति में समान अधिकार दिया गया है। जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेदभाव नहीं किया गया है। नाजायज बच्चों, गोद लिए हुए बच्चों, सरोगेसी के द्वारा जन्म लिए गए बच्चों और असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी के द्वारा जन्मे बच्चों में को भी दम्पति की जैविक संतान ही माना गया है। किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसकी संपत्ति में पत्नी और बच्चों को समान अधिकार दिया जाएगा। किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में भी अधिकार को संरक्षित किया गया है। कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को वसीयत के द्वारा अपनी संपत्ति दे सकता है।

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Written By

Achyut Kumar

First published on: Feb 06, 2024 05:46 PM

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