Azam Khan Controversy Speech: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक आजम खान (Azam Khan) को रामपुर कोर्ट (Rampur Court) ने एक भड़काऊ भाषण (Hate Speech) मामले में दोषी करार दिया है।
कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। साथ ही सजा के अब आजम खान की विधायकी पर भी तलवार लटक गई है।
इसी भड़काऊ भाषण पर हुई है, आज़म खान को 3 साल की सजा
◆ 2019 में रामपुर के मिलक कोतवाली क्षेत्र के खातानगरिया गांव में जनसभा को किया था संबोधित
---विज्ञापन---◆ इसी में PM मोदी और योगी के ख़िलाफ़ दिया था भड़काऊ बयान#AzamKhan pic.twitter.com/A86EFeawsH
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वर्ष 2019 का है मामला
जानकारी के मुताबिक आजम खान ने वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित किया था। यहां उन पर भड़काऊ भाषण देकर दो समुदायों के लोगों में नफरत फैलाने का आरोप लगा था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। इसको लेकर अप्रैल 2019 में आजम खान के खिलाफ रामपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
"यह दुर्भाग्यपूर्ण है"
◆ आजम ख़ान को 3 साल की सजा मिलने पर JDU के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी pic.twitter.com/x6vwMhdT5L
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जमीन मामले में जेल में रहे थे आजम
बता दें कि आजम खान जमीन हड़पने के एक मामले में कई महीनों तक जेल में बंद रहे थे। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। यहां उन्होंने जमानत के लिए कठोर शर्तें लगाने की भी आलोचना की। इससे पहले सपा नेता आजम खान को बड़ी राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी जवाब मांगा था।
विधायकी जाने का खतरा क्यों मंडराया
आजम खान को लेकर कोर्ट के इस फैसले के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो सकती है। उच्चतम न्यायालय द्वारा जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) समाप्त हो जाएगी।