Noida News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में जीरो प्वाइंट पर धरना दे रहे किसानों के साथ सोमवार को गौतमबुद्ध नगर की तीनों सीईओ की बैठक हुई। दोनों पक्षों में काफी जद्दोजहद के बाद किसानों ने आरोप लगाया कि तीनों प्राधिकरण किसानों और उनके प्रदर्शन को नजरअंदाज कर रहे हैं। साथ ही किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे।
जीरो प्वाइंट पर तीन दिन से धरना दे रहे हैं किसान
जानकारी के मुताबिक पिछले तीन दिनों से काफी संख्या में किसान ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि तीनों प्राधिकरणों ने किसानों से औने-पौने दामों पर जमीनें ले ली है और अब उन्हें नजर अंदाज किया जा रहा है। उन्हें समय से भुगतान भी नहीं किया है। किसानों के इस आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे।
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किसानों ने रखीं ये मांगें
भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण किसानों का शोषण करने में लगे हैं। 64.7% अतिरिक्त मुआवजा, पुरानी आबादी को छोड़ने, आबादी की शिफ्टिंग कराने, 10% आबादी के भूखंड़ देने, नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा, किसानों के रोके गए मुआवजे का भुगतान समेत कई प्रमुख मांगें है।
अधिकारी पहुंचे थे धरना स्थल पर, नहीं बनी बात
बता दें कि किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से एसीईओ अमरदीप डुली, जीएम प्रोजेक्ट सलिल यादव, नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी प्रसून द्विवेदी और यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र कुमार सिंह समेत कई अधिकारी धरना स्थल पर किसानों से बात करने के लिए पहुंचे थे। बात करने के बाद अधिकारियों ने कहा कि कुछ मांगों का तत्काल समाधान हो सकता है, लेकिन बाकी मांगों के लिए वरिष्ठ अधिकारी और शासन से बात करनी होगी।
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दोपहर में हुई हाईलेवल बैठक
वहीं मामले को बढ़ता देख सोमवार दोपहर बाद तीनों प्राधिकरण के सीईओ, किसानों और किसान नेताओं की हाईलेवल बैठक हुई। इसमें नोएडा की सीईओ ऋतु माहेश्वरी भी मौजूद रहीं। यहां भी किसान नेताओं ने गौतमबुद्ध नगर प्रशासन और तीनों प्राधिकरणों द्वारा किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे।
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