UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में नोएडा पुलिस (Noida Police) की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Anti-Human Trafficking Unit) ने नौ नाबालिगों को मुक्त कराया है। इन सभी को नोएडा की एक कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी के लिए मजबूर किया जा रहा था। पुलिस अब मामले की जांच में जुट गई है।
छह लड़कियां और तीन लड़के शामिल
जानकारी के मुताबिक मुक्त कराए नाबालिगों में छह लड़कियां और तीन लड़के हैं। ये सभी उत्तर प्रदेश और बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं। अधिकारियों ने बताया कि एक गुप्त सूचना मिलने के बाद इन बच्चों को पुलिस ने बचाया है। नोएडा के एएचटीयू प्रभारी विनोद पंवार ने मीडिया को बताया कि सेक्टर-65 में एक कपड़ा कारखाने में बाल श्रम की सूचना मिली थी।
मेडिकल जांच के लिए भेजे गए सभी बच्चे
अधिकारी ने बताया कि इस पर कारखाने में छापा मारा गया। छापेमारी दल में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) और चाइल्डलाइन के अधिकारी-पदाधिकारी भी शामिल थे। प्रभारी ने बताया कि मुक्त कराने के बाद बच्चों को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया, जिसके बाद सभी को आश्रय गृह में रखा गया है।
कारखाना संचालक ने किया ये दावा
छापेमारी में शामिल एएचटीयू के अधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ बच्चे पिछले छह महीने से इस कारखाने में काम कर रहे थे। जबकि कुछ एक साल पहले ही यहां काम करने के लिए आए थे। अधिकारी ने कहा कि कारखाने के संचालक ने दावा किया है कि इन बच्चों में से दो की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा है। इसकी पुष्टि के लिए दस्तावेज जमा किए हैं।
इस साल 70 बच्चों को मुक्त कराया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि नोएडा पुलिस की एएचटीयू ने इस साल अब तक करीब 70 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया है। जबकि कई बार देखा गया है कि फ्लैटों और घरों में बड़ी संख्या में नाबालिग काम करते हैं। हालांकि समय-समय पुलिस और प्रशासन की ओर से कार्रवाई भी की जाती है।
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