UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने चुनाव आयोग को कथित तौर पर उनके समर्थक वोटरों के नाम काटे जाने के सबूत भेजे हैं। इसके साथ ही मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। बता दें कि अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उनके समर्थक वोटरों के मतदाता सूची से नाम काटे जाने का आरोप लगाया था। जिस पर चुनाव आयोग ने उनसे सबूत पेश करने के लिए कहा था।
2022 विधानसभा चुनाव में लगाया था आरोप
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया थे। उन्होंने कहा कि था सत्ताधारी पार्टी के कहने पर उनके कर्मचारियों ने समाजवादी पार्टी के समर्थक (खास जाति और समुदाय) वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए थे। इसके जरिए जानबूझकर पार्टी को नुकसान पहुंचाया गया। यह बात अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार सार्वजनिक तौर पर मंचों से कही थी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भारत निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली को विगत आम विधानसभा चुनाव 2022 में गलत ढंग से बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के समर्थक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से…https://t.co/VNk1rakkIb
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) November 10, 2022
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चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव को भेजा था पत्र
कुछ रोज पहले चुनाव आयोग ने एक पत्र जारी करके समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से कहा था कि उनके द्वारा लगाए आरोपों को सिद्ध करने के लिए वह सबूतों के साथ पेश हों। ताकि मामले की जांच करा कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी क्रम में अखिलेश यादव ने छह पन्नों का पत्र मुख्य निर्वाचन अधिकारी (लखनऊ) और मुख्य चुनाव आयुक्त (नई दिल्ली) को भेजा है।
जांच समिति में शामिल हो पार्टी का प्रतिनिधिः सपा
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि जब मामला प्रकाश में आया था तब उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं, समर्थकों, लोगों और मीडिया में आ रही खबरों की जांच की जाए, लेकिन न तो कोई जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई हुई। साथ ही उन्होंने कहा कि अब चुनाव आयोग की ओर से कराई जाने वाली जांच में समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाए, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।