UP News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक मामला सामने आया है जिसे सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। इस मामले पर ‘रक्षक बना भक्षक’ सटीक बैठती है। बता दें कि आगरा के मालपुरा थाना क्षेत्र के गांव अभयपुरा से दो ग्रामीणों का अपहरण कर फिरौती वसूलने के बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इसके अलावा आगरा में रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ इंस्पेक्टर समेत तीनों आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है। चारों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के भी आदेश दिए गए हैं।
राजस्थान नंबर की कार में ले गए थे आरोपी
आगरा के पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि पुलिस की वर्दी में चार लोगों ने सोमवार रात मलपुरा थाना क्षेत्र के गांव अभयपुरा निवासी काजिम और उसके बहनोई इकरार का अपहरण कर लिया। उन्हें राजस्थान नंबर की एक कार में डालकर ले गए।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पीड़ित परिवार ने मंगलवार को मलपुरा पुलिस से मामले की शिकायत की। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने काजिम और इकरार को छोड़ने के लिए 4 लाख रुपये की फिरौती की मांग करते हुए कॉल किया। वहीं जैसे ही मामला आगरा के पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह के संज्ञान में आया, वैसे ही उन्होंने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।
फिरौती लेकर पहुंचे परिवार वाले, पुलिस ने दबोचा
उन्होंने बताया कि पुलिस ने पीड़ितों को फिरौती के साथ जाने के लिए कहा। पीड़ित परिवार वाले जब फिरौती की रकम लेकर पहुंचे तो पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। जब आरोपियों की पहचान की गई तो जिला पुलिस के भी होश उड़ गए। पता चला कि तीनों रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) आगरा कैंट से थे।
इनकी पहचान सब इंस्पेक्टर सुरेश सिंह और कांस्टेबल पारुल यादव और नीरज सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से नगदी के अलावा अपहरण में इस्तेमाल होने वाली होंडा अमेज कार भी बरामद की है। काजिम और इकरार को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचा कर परिजनों के सुपुर्द किया गया है।
दोनों लोगों को बंद करके बुरी तरह पीटा
पुलिस उपायुक्त सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि आरोपियों से गहन पूछताछ की गई है। सामने आया है कि इन 3 आरपीएफ कर्मियों को एक निजी चालक की ओर से सहायता दी जा रही थी। अपहृत लोगों को आगरा के राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ चौकी (चौकी) में ले गए थे, जहां दोनों को पीटा गया था।
अपहृत लोगों ने पिटाई से बचने के लिए पैसे देने की पेशकश की और रिश्तेदारों के नंबर पर फोन कराया, लेकिन इस योजना को पुलिस ने विफल कर दिया। इसके अलावा ऐसे मामलों में पर्यवेक्षण में कमियों को देखते हुए आरपीएफ आगरा कैंट इंस्पेक्टर सुरेंद्र चौधरी को भी निलंबित कर दिया गया है।