---विज्ञापन---

पहले भी CM योगी के ‘दुश्मन’ के करीबी थे ब्रजेश पाठक, फिर केशव प्रसाद की राह पर चल पड़े डिप्टी सीएम!

UP Politics : लोकसभा चुनाव के नतीजों ने यूपी में सबको चौंका दिया, जहां भाजपा को बड़ा झटका लगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई। सरकार और पार्टी के बीच खींचतान चल रही है। इसे लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Jul 27, 2024 18:33
Share :
CM Yogi-Brajesh Pathak
केशव प्रसाद मौर्या के बाद ब्रजेश पाठक ने सीएम योगी से बनाई दूरी।

UP Politics : लोकसभा चुनाव 2024 के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बैठकों का दौर चल रहा है। एनडीए के घटक दलों के बाद अब अपने नेता भी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हो गए हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के बाद अब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी सीएम योगी से दूरी बना ली है। दिल्ली में हाईकमान के साथ दोनों डिप्टी सीएम की बैठक हुई। ये कोई नई बात नहीं है कि ब्रजेश पाठक सीएम योगी के विरोधियों से मिल गए हैं, इससे पहले भी उनकी मुख्यमंत्री के ‘दुश्मन’ से दोस्ती थी।

संघ-BJP बैकग्राउंड के नेता नहीं हैं ब्रजेश पाठक

---विज्ञापन---

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भाजपा या आरएसएस बैकग्राउंड के नेता नहीं हैं। छात्र संघ से राजनीति की शुरुआत करने वाले ब्रजेश पाठक ने साल 2002 में कांग्रेस से हरदोई के मल्लावां से चुनाव लड़ा और हार गए। इसके बाद वे बसपा में शामिल हो गए और फिर उन्होंने साल 2016 में भाजपा का दामन थाम लिया। वे योगी की पहली सरकार में कानून मंत्री थे और दूसरी सरकार में डिप्टी सीएम बन गए। कहा जाता है कि ब्रजेश पाठक हवा का रुख भांप जाते हैं, इसलिए वे मजह 6 सालों में देश के सबसे बड़े सूबे के डिप्टी सीएम बन गए।

यह भी पढ़ें : दिल्ली में तय होगी UP की राजनीति, PM मोदी और CM योगी की मुलाकात के सियासी मायने

---विज्ञापन---

कभी योगी के प्रतिद्वंद्वी हरिशंकर तिवारी के बेटे के करीबी थे डिप्टी सीएम

पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ब्राह्मण और ठाकुर की दुश्मनी काफी फेमस है। चिल्लूपार पूर्व माफिया डॉन और पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी का गढ़ माना जाता है। एक समय था, जब हरिशंकर तिवारी सीएम योगी आदित्यनाथ के कट्टर प्रतिद्वंद्वी माने जाते थे। सत्ता में आने के बाद योगी की पुलिस ने उनके घर में छापा भी मारा था। डिप्टी सीएम हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी के करीबी माने जाते थे।

एकसाथ बसपा में शामिल हुए थे विनय तिवारी-ब्रजेश पाठक 

कहा जाता है कि जब ब्रजेश पाठक लखनऊ विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष बने थे, तब विनय तिवारी ने छात्र संघ चुनाव में उनकी मदद की थी। छात्र जीवन और फिर राजनीति में दोनों करीबी दोस्त बन गए थे। दोनों नेता एक साथ बसपा में शामिल हुए थे। ब्रजेश पाठक साल 2016 में भाजपा में शामिल हुए और विनय शंकर तिवारी ने साल 2021 में सपा का दामन थामा था।

यह भी पढ़ें : ‘दिल्ली के वाई-फाई पासवर्ड और मोहरे…’ अखिलेश यादव का केशव मौर्या पर तंज

फिर योगी के विरोधियों से मिल गए उपमुख्यमंत्री

ब्रजेश पाठक एक बार फिर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की राह पर चल पड़े हैं, जिन्होंने पार्टी की बैठक में कहा था कि सरकार से बड़ा पार्टी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें दोनों उपमुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। केशव प्रसाद मौर्या के बाद ब्रजेश पाठक भी विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं। ऐसे में योगी सरकार में गुटबाजी तेज हो गई है।

HISTORY

Edited By

Deepak Pandey

First published on: Jul 27, 2024 06:00 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें