Umesh Pal Murder Case: प्रयागराज से पंकज चौधरी की रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के बाद अतीक अहमद के गुनाहों की परतें खुलती जा रही है। हाल ही में प्रयागराज के चकिया स्थित अतीक के कार्यालय पर पुलिस ने छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान यहां से करीब 74 लाख रुपये और भारी संख्या में हथियार बरामद किए हुए। अब पुलिस ने जब यहां की तसल्ली से छानबीन की तो चौंकाने वाली चीजें सामने आई हैं। यहां एक टॉर्चर रूम और मुजरा घर मिला है।
चकिया कार्यालय में होता थी गुंडा टैक्स की वसूली
जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद के चकिया कार्यालय के रहस्य धीरे-धीरे सामने आते जा रहे हैं। लोगों ने तो इस कार्यालय को टॉर्चर रूम करार दिया है। अतीक के सताए लोगों की मानें तो यह सिर्फ एक कार्यालय नहीं, बल्कि अतीक अहमद का गुंडा टैक्स वसूली का अड्डा था। यहीं बैठकर वह अपने काले कारनामों को अंजाम देता था। बात न मानने वाले लोगों को अतीक के गुर्गे यहां उठा कर लाते थे।
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विधायक राजू पाल की हत्या के बाद उमेश ने खोला था मोर्चा
पुलिस सूत्रों ने बताया कि हत्या से काफी समय पहले उमेश पाल को भी अगवा करके इसी कार्यालय में लाया गया था। यहां उनकी बेरहमी से पिटाई की गई थी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक विधायक राजू पाल की 2005 में धूमनगंज में हत्या के बाद राजू पाल के दोस्त और उनकी पत्नी पूजा पाल के रिश्तेदार उमेश पाल ने अतीक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उमेश पाल घटना के मुख्य गवाह भी थे।
उमेश पाल को मुर्गा बनाकर पीटा था
लेकिन उमेश पाल को गवाही से पहले ही अतीक अहमद ने अगवा कर लिया था। उन्हें चकिया स्थित कार्यालय पर लाया गया। पीड़ित परिवार की मानें तो इसी कार्यालय में उमेश पाल को मुर्गा बनाकर अतीक के गुर्गों ने पीटा था। हत्या की धमकी दी गई और गवाही में बयान बदलने का दबाव बनाया। इसके बाद वर्ष 2007 में बसपा शासनकाल में कहानी बदल गई।
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फैसला आने से पहले कर दी उमेश पाल की हत्या
उमेश पाल ने अतीक अहमद के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। बताते हैं कि इसी मुकदमे में फैसला आने वाला था, लेकिन अतीक अहमद के गुर्गों ने उमेश पास और उनके दो गनर की हत्या कर दी। हत्या में उमेश पाल के परिवार वालों ने अतीक अहमद, उसकी पत्नी, बेटा और भाई समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
अतीक ने अपने गुर्गों के लिए कर रखे थे ये इंतजाम
अतीक के चकिया कार्यालय को उसका मुख्यालय कहा जाता था। तीन मंजिला दफ्तर में बैठकर अतीक अपना दरबार चलाता था। दफ्तर की पहली मंजिल पर एक कमरे में अतीक के लिए महफिल भी सजती थी, जिसमें मुजरा होता था। उस कमरे में अतीक के बैठने के लिए एक खास गद्दी बनवाई गई थी। चकिया कार्यालय में मंगलवार से शुरू हुआ जांच के बाद ये सभी राज सामने आए हैं।
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अतीक का खास गुर्गा सूर्या आता था यहां
कहा यह भी जाता है कि पूर्वांचल के बड़े-बड़े माफिया अतीक अहमद के चकिया स्थित इसी कार्यालय में मुलाकात के लिए आते थे। सूत्रों के मुताबिक अतीक का बेहद करीबी गुर्गा सूर्या था, जिसके लिए इसी कार्यालय में खास इंतजाम किए जाते थे। मुजरे के अलावा शराब का भी इंतजाम होता था। स्थानीय लोगों की मानें तो माफिया अतीक अहमद खुद शराब नहीं पीता था, लेकिन अपने कुछ खास मेहमानों के लिए इसका पूरा इंतजाम करता था।
अतीक के करीबी पुलिसवालों की अंदरखाने चल रही जांच
पुलिस विभाग के सूत्रों की मानें तो जिले के कुछ पुलिस वाले भी अतीक अहमद के खास थे। उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस अब किसी भी स्तर की जांच को छोड़ना नहीं चाहती है। सूत्रों के मुताबिक जिले में कुछ पुलिस वालों की अंदरखाने विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। हाल ही में कुछ पुलिस वालों को जिले से बाहर ट्रांसफर किया गया है। बताया गया है कि लखनऊ से जारी आदेश के बाद तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
अतीक के कार्यालय की फिर से खोली जा रही फाइल
अधिकारियों की मानें तो माफिया अतीक के चकिया कार्यालय की फिर जांच होगी। वर्षों से बंद कार्यालय में 74 लाख रुपये और भारी मात्रा में हथियार मिलने के बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण भी हरकत में आ गया है। हालांकि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ही अतीक अहमद के कार्यालय का नक्शा पास किया था। फिर भी मंगलवार की घटना के बाद विकास प्राधिकरण नक्शे के साथ कार्यालय के निर्माण का मिलान करने में जुटा है।