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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

यूपी में सिविल विवादों को आपराधिक मामलों में बदलने की प्रवृत्ति पर सुप्रीम कोर्ट में नाराजगी

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना ने यूपी में सिविल विवादों को लगातार आपराधिक मामलों में बदलने की प्रवृत्ति पर गंभीर आपत्ति जताई है। CJI ने जांच अधिकारियों को गवाह के तौर पर पेश होने का निर्देश दिया।

Author Written By: Prabhakar Kr Mishra Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Apr 7, 2025 13:55
CJI sanjeev Khanna News
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यूपी में सिविल विवादों को आपराधिक मामलों में बदलने की प्रवृत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की। CJI जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि यह कानून के शासन का पूर्ण उल्लंघन है। जमानत से जुड़े एक मामले में जस्टिस खन्ना ने कहा कि यूपी में जो हो रहा है, वह गलत है। रोजाना सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदला जा रहा है। यह बेतुका है, सिर्फ पैसे के लेन-देन से जुड़े मामले को अपराध नहीं बनाया जा सकता है। यह अजीब है कि यूपी में यह आए दिन होता है, वकील भूल गए हैं कि सिविल ज्यूडिशियरी भी है।

ग्रेटर नोएडा में पैसे के लेन-देन के एक मामले को यूपी पुलिस ने सिविल केस की जगह क्रिमिनल केस बनाते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि पुलिस ने पैसे लेकर मामले को क्रिमिनल बना दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश के DGP और लोकल पुलिस के जांच अधिकारी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। 5 मई से शुरू होने वाले सप्ताह में इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।

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पहले भी कोर्ट ने जाहिर की थी चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मामलों को लेकर पिछले साल दिसंबर में कहा था कि यहां सिविल विवादों को आपराधिक मामलों के रूप में देखा जा रहा है। यह एक चिंता का विषय है। उन्होंने धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामले पर लगी याचिका पर विचार रखे थे। कोर्ट ने कहा था कि लगातार दीवानी विवाद को आपराधिक विवाद में बदला जा रहा है। उन्होंने कहा था कि यह गलत प्रथा है और ऐसा नहीं होना चाहिए।

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First published on: Apr 07, 2025 01:55 PM

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