बरेली में I love Muhammad को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. पहले जुमे की नमाज के दिन बरेली में हिंसा हुई. पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी और कई लोगों पर कानूनी कार्रवाई की. घटना के करीब एक हफ्ते बाद सपा सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल बरेली जा रहा था लेकिन उन्हें पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया. इस पर प्रतिनिधि मंडल में शामिल सपा सांसद इकरा हसन ने सरकार पर हमला बोलते हुए ‘अघोषित आपातकाल’ करार दिया है.
इकरा हसन ने कहा कि जहां भी कोई अपने अधिकारों की मांग करता है, यह सरकार उसके साथ एक जैसा व्यवहार करती है. लद्दाख उनमें से एक है और बरेली भी दूसरा. संभल में जो स्थिति थी, जहां हमें जाने से रोका गया, वह भी वहां के प्रशासन ने सत्ताधारी दल के दबाव में पैदा की थी और अब इसे बरेली में दुष्प्रचार के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि या आम नागरिक को कहीं जाने से रोकने के लिए न कोई कानून है, न कोई प्राधिकार, न कोई आदेश. फिर भी उन्हें रोका जा रहा है क्योंकि हमारे देश में एक तानाशाही खुलेआम चल रही है. लद्दाख के लोगों के विरोध और उनकी मांगों के अधिकार का सरकार द्वारा उल्लंघन पूरी तरह से असंवैधानिक और असहनीय है.
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