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क्या यूपी में टूटेगा सपा-कांग्रेस का गठबंधन? रविदास मेहरोत्रा ने दिया बड़ा बयान

Ravidas Mehrotra Exclusive Interview : महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के साथ यूपी में भी उपचुनाव हो रहा है। उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस बीच सपा के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा ने इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Nov 8, 2024 19:20
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Ravidas Mehrotra
अखिलेश यादव और रविदास मेहरोत्रा।

Ravidas Mehrotra Interview (अक्षत मित्तल, नई दिल्ली) : यूपी में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस चुनाव में समाजवादी पार्टी का सपोर्ट करने का फैसला लिया है। पार्टियों ने उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने न्यूज 24 से विशेष बातचीत में कहा कि कांग्रेस कई बार गठबंधन के सिद्धांत के विपरीत काम करती है। आइए जानते हैं कि रविदास मेहरोत्रा ने क्या कहा?

पढ़ें रविदास मेहरोत्रा का पूरा इंटरव्यू

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प्रश्न – यूपी विधानसभा के आगामी उपचुनाव को आप कैसे देखते हैं?
उत्तर – यूपी में 9 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं और सभी सीटों पर बीजेपी हार रही है। मैं दावे से कह सकता हूं कि उपचुनाव में सभी 9 सीटों पर सपा चुनाव जीतेगी।

प्रश्न – यूपी विधानसभा के आगामी उपचुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट चुनाव लड़ने के लिए न मिलने से क्या गठबंधन खत्म हो जाएगा?
उत्तर – सपा ने कांग्रेस को 2 सीटें देने की पेशकश की थीं, लेकिन कांग्रेस इस पर सहमत नहीं हुई। कांग्रेस ने कहा कि आप लड़िए और सिंबल आपका रहेगा और गठबंधन भी रहेगा। गठबंधन बरकरार है और दोनों पार्टियों की सहमति से ही उम्मीदवार मैदान में होंगे। यह गठबंधन जनता के दबाव में हुआ है और यह रहेगा। सपा हमेशा गठबंधन के पक्ष में है, लेकिन कांग्रेस कई बार गठबंधन के सिद्धांत के विपरीत काम करती है। हरियाणा चुनाव में सपा ने 2 विधानसभा सीटें मांगी थीं, जो कांग्रेस ने हमें नहीं दी और इसी के चलते उन्होंने पूरा हरियाणा बीजेपी को दे दिया। अगर हम मिलकर चुनाव लड़े होते तो हरियाणा में इंडिया गठबंधन की सरकार होती। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान कुछ ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके कारण उसे पिछड़ा वर्ग का वोट नहीं मिला। फिलहाल, देश में बीजेपी का सबसे मजबूत विकल्प सपा है।

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प्रश्न – बीजेपी का विकल्प विपक्षी गठबंधन है या सपा, क्योंकि सपा पूरे देश में तो चुनाव नहीं लड़ती है
उत्तर – उत्तर प्रदेश में बीजेपी का एकमात्र विकल्प सपा है। हालांकि, हम चाहते हैं कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां एक होकर चुनाव लड़ें और 2029 में देश में गठबंधन की सरकार बने।

प्रश्न – 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कौन से वर्ग का वोट ‘INDIA’ को मिला?
उत्तर – यूपी में बसपा का सारा वोट ‘INDIA’ को मिला, क्योंकि जनता बीजेपी को हराना चाहती थी। राज्य के लोग यह मान चुके हैं कि मायावती अब बीजेपी की ‘बी-टीम’ बन चुकी हैं। बीजेपी ने मायावती को ईडी और सीबीआई का इतना डर दिखा दिया है कि वह अब लड़ने की स्थिति में नहीं रह गई हैं। बसपा का वोटर जान चुका है कि मायावती बीजेपी के इशारे पर काम करती हैं, इसीलिए बसपा का वोट ‘INDIA’ को मिला।

प्रश्न – क्या 2027 का यूपी विधानसभा चुनाव कांग्रेस और सपा साथ मिलकर लड़ेंगे?
उत्तर – उत्तर प्रदेश में सपा अपने दम पर सरकार बनाने में सक्षम है, लेकिन हम फिर भी गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि गठबंधन बना रहे, क्योंकि अगर गठबंधन नहीं होता है तो वोटों का बंटवारा हो जाता है। हालांकि, सभी पार्टियों को विशेष तौर पर कांग्रेस को सबको साथ लेकर चलना होगा।

प्रश्न – अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में मूलभूत अंतर क्या है? आपके अनुसार, अखिलेश यादव की अगुआई में सपा का क्या भविष्य है?
उत्तर – दोनों में कोई विशेष अंतर नहीं है। अखिलेश यादव में वे सभी गुण हैं जो मुलायम सिंह यादव में थे। मुलायम सिंह यादव ने संघर्षों से पार्टी खड़ी की थी, वह पार्टी के संस्थापक थे। सपा संघर्षों की कोख से पैदा हुई पार्टी है। अब अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्होंने भी संघर्ष किया। किसी भी नेता को अपनी पहचान बनाने में और समर्थक बढ़ाने में समय लगता है। आज अखिलेश यादव पूरे देश के शीर्ष नेताओं में शुमार हैं। उनके संघर्षों की बदौलत ही सपा 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी और देश की तीसरी सबसे बड़ी बनी।

प्रश्न – भविष्य में आप अखिलेश यादव को यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में देखते हैं या देश के प्रधानमंत्री के रूप में?
उत्तर – 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा की जीत होगी और अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री बन जाएंगे। 2027 से 2029 के बीच सपा का पूरे देश में विस्तार हो जाएगा। पार्टी देश के विभिन्न राज्यों में चुनाव लड़ेगी। हमारी कोशिश रहेगी कि 2029 के लोकसभा चुनाव में सपा सबसे बड़ी पार्टी बने और ऐसी स्थिति में अखिलेश यादव देश के प्रधानमंत्री बन जाएंगे।

प्रश्न – क्या इसका मतलब यह समझा जाए कि 2029 में ‘INDIA’ के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी नहीं होंगे?
उत्तर – जनता जिसे चाहेगी वह प्रधानमंत्री बनेगा। जिस पार्टी के सबसे अधिक सांसद होंगे, उस पार्टी का नेता देश का प्रधानमंत्री बनेगा। हमारी कोशिश रहेगी कि 2029 में सपा ‘INDIA’ की सबसे बड़ी पार्टी बन जाए।

प्रश्न – अगर 2029 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ‘INDIA’ की सबसे बड़ी पार्टी रहती है तो वैसे में आप अखिलेश यादव का क्या भविष्य देखते हैं?
उत्तर – ‘INDIA’ में कई पार्टियां शामिल हैं। जिस पार्टी को सबसे अधिक सीटें मिलेंगी उसके साथ गठबंधन की सभी पार्टियां खड़ी रहेंगी। लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव होगा और जिस पार्टी के नेता के पक्ष में अधिक सांसद होंगे, वह देश का प्रधानमंत्री बन जाएगा। प्रधानमंत्री पद की लड़ाई नहीं है बल्कि लड़ाई बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की है। कांग्रेस इस बार विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी थी तो उसके नेता राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता बन गए, जिससे यह साबित होता है कि हमारा विश्वास लोकतंत्र में है।

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प्रश्न – 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के समय भी कांग्रेस और सपा का गठबंधन था। आपकी लखनऊ मध्य विधानसभा सीट सपा के हिस्से में आई थी। आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस ने गठबंधन के बावजूद आपके खिलाफ प्रत्याशी उतार दिया?
उत्तर – 2017 में मैं लखनऊ मध्य सीट से विधायक था और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री था। राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों ने मेरे पक्ष में पूरे विधानसभा क्षेत्र में रोड शो किया, लेकिन कुछ समय बाद एक शख्स ने बतौर कांग्रेस उम्मीदवार नामांकन भर दिया। कांग्रेस से आश्वासन मिलता रहा कि नामांकन वापस करवा लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और असमंजस की स्थिति बन गई। मैं कुछ वोटों से चुनाव हार गया, लेकिन जिससे मैं चुनाव हारा वह ब्रजेश पाठक इस समय राज्य के उप मुख्यमंत्री हैं और वह मेरा विधानसभा क्षेत्र छोड़कर भाग गए और 2022 में उनकी यहां से चुनाव लड़ने की भी हिम्मत नहीं हुई।

प्रश्न – आपने 2024 का लोकसभा चुनाव देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ से लड़ा जो आप हार गए। आपके हिसाब से हार के प्रमुख कारण क्या रहे?
उत्तर – मैं राजनाथ सिंह से मात्र 1.35 लाख मतों के अंतर से हारा। लखनऊ लोकसभा की 5 में से 2 विधानसभा सीटों में मैंने उन्हें हराया, जबकि 3 में मैं पीछे रहा। मेरी हार के कई कारण थे। पूरा प्रशासन उनके साथ लगा था, चुनाव में बेहिसाब पैसा बांटा गया और धांधली हुई। दूसरी तरफ सपा के अलावा गठबंधन की किसी भी पार्टी के नेता ने मेरे लिए रैली या रोड शो नहीं किया। मैंने अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ा और 4.77 लाख से भी अधिक वोट हासिल किए। अगर गठबंधन के सभी लोग मिलकर मुझे लड़ाते तो राजनाथ सिंह चुनाव हार जाते।

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प्रश्न – आप कई बार जेल जा चुके हैं और ऐसे किसी आपराधिक मामले के चलते नहीं हुआ। क्या मामले हैं ये?
उत्तर – 1974 से 2024 के बीच मुझे 251 बार जेल भेजा जा चुका है जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है। एक बार भी मैं किसी आपराधिक मामले में जेल नहीं गया। मुझे आंदोलनों, जनता के मुद्दे उठाने और सरकार की नीतियों का विरोध करने को लेकर जेल भेजा जाता रहा है। 251 में से 246 मामले अब खत्म हो चुके हैं।

प्रश्न – अगर 2027 में उत्तर प्रदेश में ‘INDIA’ की सरकार बनती है तो क्या आप उस सरकार में मंत्री होंगे?
उत्तर – मुझे जो पार्टी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे निभाऊंगा। उत्तर प्रदेश में सरकार और अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनवाना पार्टी की पहली प्राथमिकता है। इसके अलावा मैं अखिलेश यादव की ‘गुड बुक’ में हूं, तो देखते हैं क्या होता है।

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Edited By

Deepak Pandey

First published on: Nov 08, 2024 04:37 PM

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