Religious conversion case in madrasa UP: उत्तर प्रदेश में एक तरफ धर्म परिवर्तन के मामलों पर सरकार सख्ती दिखाती हुई नजर आ रही है तो वहीं, दूसरी ओर यूपी के मुजफ्फरनगर से धर्म परिवर्तन से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया। मिली जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में हरदोई के रहने वाले विवेक को साढ़े सात साल तक कैद रखा गया। इतना ही नहीं, विवेक का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उसे मोहम्मद उमर बना दिया गया। मामले का खुलासा होने पर मुजफ्फरनगर बाल कल्याण समिति ने विवेक को मदरसे से मुक्त कराकर उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया और साथ ही इस पूरे मामले में मदरसा संचालक समेत चार लोगों के खिलाफ विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन समेत कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
स्कूल जाने के लिए निकला फिर वापस नहीं लौटा
आपको बताते चलें कि यूपी के हरदोई स्थित बघौली थानाक्षेत्र के गोसवा के रहने वाले वीरेंद्र चंडीगढ़ में परिवार सहित रहकर मजदूरी करता था। उन्होंने बताया कि बीते 17 मार्च 2016 को उसका कक्षा 4 में पढ़ने वाला पुत्र विवेक स्कूल जाने के लिए निकला लेकिन वापस घर नहीं पहुंचा। काफी चिंता होने पर वीरेंद्र ने चंडीगढ़ के थाना मौलीजागरा में 17 मार्च 2016 को बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन काफी प्रयासों बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल सका।
आधार कार्ड में नाम बदलवाने के दौरान हुआ खुलासा
सामने आई जानकारी के मुताबिक, बीते 4 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र के नगला राई गांव के रहने वाले मतलूब एक आधार कार्ड सेंटर पर पहुंचे और मोहम्मद उमर नाम के एक किशोर को अपना बेटा बताते हुए उसके आधार कार्ड में नाम और पते में परिवर्तन कराने का प्रयास किया। बताया जाता है कि उस आधार कार्ड में मोहम्मद उमर का नाम विवेक पुत्र वीरेंद्र निवासी 47 रायपुर कला चंडीगढ़ दर्ज था। जिसके बाद आधार कार्ड सेंटर संचालक ने नाम और पता बदलने से मना कर दिया। इस पूरे मामले की जानकारी मुजफ्फरनगर के लोहारी खुर्द के प्रधान जैकी राज सैनी को हुई तो उन्होंने आनन फानन में पुलिस को घटना से अवगत कराया। मामला एक तरफ आगे बढ़ता गया और दूसरी तरफ विवेक के परिवार वालों से संपर्क कर उन्हें मुजफ्फरनगर बुलाया गया। मामले में हुई जांच में विवेक का जबरन धर्म परिवर्तन करने और उसे मदरसे में कैद रखने का खुलासा हुआ।
साढ़े 7 साला बाद बेटे को पाकर खुश हुआ परिवार
मामले में परिवार को मुजफ्फरनगर बुलाकर मदरसे से विवेक को मुक्त कराया गया और बाल कल्याण समिति की उपस्थिति में विवेक को पिता वीरेंद्र और मां सरोज को सौंप दिया गया। साढ़े सात साल बाद बेटे को पाकर माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद पूरा परिवार विवेक को लेकर पैतृक गांव बघौली थाना क्षेत्र के गोसवा आ गया और इसी बीच वीरेंद्र कुमार की तहरीर पर मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में नगला राई के प्रधान अफसरून, जामिया उस्मानिया इस्लामिया के मौलवी, मतलूब और मौलाना मुकर्रम जमाल के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
वेल्डिंग का काम सिखाकर सऊदी भेजने की थी तैयारी
मामले को लेकर हुई जांच में सामने आया कि मदरसे में साढ़े 7 साल से बंधक बने रहे विवेक को वेल्डिंग का काम सिखाया गया, इसके बाद उसे सऊदी अरब भेजने की तैयारी थी। इसी को लेकर जब आधार कार्ड में नाम और पता संशोधन कराने का प्रयास हुआ तो मामले का खुलासा हो गया। मीडिया से बात करते हुए विवेक ने बताया कि मदरसे में उसका नाम बदलकर मोहम्मद उमर रख दिया गया था। इस मामले को लेकर चरथावल थाने के थाना प्रभारी ओमवीर सिंह ने बताया कि हरदोई जिले के बघौली थानाक्षेत्र के गोसवा के रहने वाले वीरेंद्र कुमार की तहरीर पर 4 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि धारा- 420 और विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अधिनियम-1921 की धारा-3 व 4 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही किशोर का खतना कर जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने का आरोप भी रिपोर्ट में दर्ज है।