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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने वाले राम वनजी सुतार का निधन, 100 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

Ram Vanji Sutar Passes Away: देश के मशहूर मूर्तिकार राम वनजी सुतार दुनिया को अलविदा कह गए हैं. 100 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है. बीती रात अपने निवास पर उन्होंने आखिरी सांस ली, लेकिन अपने 70 साल के करियर में उन्होंने देश-दुनिया को वो अनमोल रचनाएं दी हैं, जिनके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा.

Author Edited By : Khushbu Goyal
Updated: Dec 18, 2025 12:22
Ram Vanji Sutar
राम वनजी सुतार के जाने से उनके कई प्रोजेक्ट अधूरे रह गए हैं.

Ram Vanji Sutar Passes Away: पत्थरों में जान फूंकने वाला जादूगर के रूप में मशहूर भारतीय मूर्तिकार राम वनजी सुतार का निधन हो गया है. इसके साथ ही कला जगत में एक युग का अंत हो गया है. राम वनजी ने 100 साल की उम्र में 17 दिसंबर 2025 की मध्य रात्रि को नोएडा स्थित अपने निवास पर आखिरी सांस ली. ​राम सुतार ने केवल भारत, बल्कि अमेरिका, फ्रांस और इटली सहित दुनिया के कई देशों में महात्मा गांधी की प्रतिमाएं स्थापित करके भारत का नाम रोशन किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने निधन पर जताया शोक

प्रधानमंत्री मोदी ने राम सुतार के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने अपने X हैंडल पर लिखा कि राम सुतार जी के निधन से दुख हुआ है. वे एक असाधारण मूर्तिकार थे, जिनकी कलात्मकता ने भारत को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सहित कई प्रतिष्ठित स्मारक प्रदान किए. उनकी कृतियों को भारत के इतिहास, संस्कृति और सामूहिक भावना की सशक्त अभिव्यक्ति के रूप में हमेशा सराहा जाएगा. उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रीय गौरव को अमर कर दिया है. उनकी कृतियां कलाकारों और लोगों को प्रेरित करती रहेंगी. उनके परिवार, प्रशंसकों और उनके कार्यों से प्रभावित लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. ओम शांति…

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राम सुतार का 70 साल लंबा करियर रहा

राम सुतार 100 साल की उम्र में भी एक्टिव थे और कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंडूर गांव में हुआ था. उन्होंने मुंबई के प्रसिद्ध जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स से शिक्षा ली और अपने 70 साल लंबे करियर में भारतीय मूर्तिकला को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई है, जो गुजरात में स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है, जिसे दुनिया स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कहती है. ​

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गांधीजी और शिवाजी की प्रतिमा भी बनाई

दिल्ली में संसद के बाहर ध्यानमग्न मुद्रा में बैठी गांधीजी की कांस्य की प्रतिमा उन्होंने बनाई थी. मध्य प्रदेश के गांधी सागर बांध पर लगी 45 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा उन्होंने बनाई थी. उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराजा सुहेलदेव समेत कई महापुरुषों की प्रतिमाएं बनाई हैं. मूर्तिकला के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए ​भारत सरकार और कई राज्य की सरकारों ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाजा. उनके योगदान और रचनाओं को सम्मानित किया.

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राम सुतार को इन पुरस्कारों से नवाजा गया

भारत सरकार ने साल 1999 में रामजी सुतार को पद्मश्री और 2016 में ​पद्म भूषण देकर सम्मानित किया था. साल 2016 में ही उन्हें ​टैगोर सांस्कृतिक सद्भाव पुरस्कार मिली था. हाल ही में नवंबर 2025 में उन्हें महाराष्ट्र के सर्वोच्च पुरस्कार ‘महाराष्ट्र भूषण’ से सम्मानित किया गया था, जो उनके घर आकर दिया गया था. बताया जा रहा है कि राम सुतार पिछले कई दिन से बीमार चल रहे थे और उनका घर पर ही इलाज किया जा रहा था, लेकिन बीती रात उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

First published on: Dec 18, 2025 08:41 AM

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