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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Kashi Tamil Sangamam: वाराणसी में काशी तमिल संगमम का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, जानिए इसकी खासियत

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में शनिवार को वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में महीनेभर चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन करेंगे। इसके लिए तैयारियां जोरों पर है। तमिल संगम को लेकर काशी नगरी में भी उत्साह देखा जा रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर समेत वाराणसी के घाटों पर साज-सज्जा और तैयारियों […]

Author Edited By : Pushpendra Sharma Updated: Nov 18, 2022 23:38
pm modi
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में शनिवार को वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में महीनेभर चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन करेंगे। इसके लिए तैयारियां जोरों पर है। तमिल संगम को लेकर काशी नगरी में भी उत्साह देखा जा रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर समेत वाराणसी के घाटों पर साज-सज्जा और तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। यहां के लोग पारंपरिक अभिवादन ‘हर हर महादेव’ के साथ-साथ तमिल में ‘वणक्कम’ (नमस्ते) संबोधित कर रहे हैं।

दोपहर 2 बजे वाराणसी पहुंचेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दोपहर 2 बजे वाराणसी पहुंचेंगे। महीने भर चलने वाले कासी तमिल संगमम का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री तिरुक्कुरल और कासी-तमिल संस्कृति पर पुस्तकों का विमोचन करेंगे। प्रधानमंत्री के तमिलनाडु के 200 से अधिक छात्रों के साथ बातचीत करने की भी संभावना है।

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लगाए गए हैं 75 स्टॉल 

16 दिसंबर तक चलने वाले काशी तमिल संगम में कुल 75 स्टॉल लगाए गए हैं, जो कृषि, संस्कृति, साहित्य, संगीत, भोजन, हथकरघा और हस्तकला, ​​लोक कला के माध्यम से दक्षिण भारत और उत्तर भारत के बीच सेतु का काम करेंगे। इन उत्पादों में तमिलनाडु के जीआई और ओडीओपी उत्पाद भी शामिल हैं। काशी के कुछ कारीगर भी जीआई उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे।

17 नवंबर से 16 दिसंबर तक आयोजन

शिक्षा मंत्रालय द्वारा संस्कृति, कपड़ा, रेलवे, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना और प्रसारण जैसे अन्य मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से काशी तमिल संगमम का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक वाराणसी में किया जा रहा है। इस दौरान तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों का नजारा देखने को मिलेगा।

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ये है उद्देश्य

कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और जीवन के अन्य क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और प्रथाओं को साझा करने और एक दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है। आईआईटी मद्रास और बीएचयू कार्यक्रम के लिए दो कार्यान्वयन एजेंसियां ​​हैं। छात्रों, शिक्षकों, साहित्य, संस्कृति, कारीगरों, आध्यात्मिक, विरासत, व्यवसाय, उद्यमियों, पेशेवरों और अन्य जैसे 12 श्रेणियों के तहत तमिलनाडु के 2500 से अधिक प्रतिनिधि आठ दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे।

First published on: Nov 18, 2022 11:38 PM

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