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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Maha Kumbh में भगदड़ से 30 मौत का केस सुप्रीम कोर्ट में, जनहित याचिका में उठाई गईं ये मांगें

Maha Kumbh Stampede Supreme Court: महाकुंभ में मची भगदड़ और 30 लोगों की मौत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर की गई। एक वकील की ओर से दायर याचिका में कई मांगें की गई हैं और याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की गई है।

Author Written By: Prabhakar Kr Mishra Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jan 30, 2025 10:07
Mahakumbh Stampede
Mahakumbh Stampede

PIL Against Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ और हादसे में 30 मौत होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में हादसे पर स्टेटस रिपोर्ट तैयार करने और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल की है।

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वकील की ओर से की गई यह मांगें

याचिका में सभी राज्यों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र मे सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है, ताकि गैर-हिंदी भाषी लोगों को सुविधा हो। याचिका में मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों मे VIP मूवमेंट सीमित किया जाए और ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखा जाए। याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सऐप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई है।

महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में देश के दूसरे राज्यों से आने वाले गैर-हिंदी भाषी लोगों की सुविधा के लिए सभी राज्यों को महाकुंभ में मेडिकल हेल्प डेस्क स्थापित किए जाने की मांग की गई है। साथ ही याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करके फैसला सुनाने और उसे लागू कराने की अपील भी की गई है।

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30 मौतों के बची साढ़े 7 करोड़ लोगों का स्नान

बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ में 28 जनवरी की रात करीब 2 बजे त्रिवेणी संगम नोज पर भगदड़ मची। अंधेरे में एक दूसरे के नीचे दबने और कुचले जाने से 30 लोगों की मौत हो गई। 60 लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ लोग उपचार कराकर घर चले गए और 35 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। हादसे में मारे गए 25 लोगों की शिनाख्त हुई है, जिनमें से 19 मृतक उत्तर प्रदेश के ही हैं। 4 कर्नाटक, गुजरात-असम के एक-एक लोग हैं।

हादेस का कारण पांटून पुल बंद होना बताया गया। पांटून पुल बंद होने से लाखों श्रद्धालु संगम नोज पर जुटे। वे रात को संगम पर ही सो गए, ताकि सुबह उठते ही स्नान कर पाएं, लेकिन देररात अचानक बैरिकेड टूट गए। यह देखकर श्रद्धालु उन्हें क्रॉस करके संगम की ओर भागने लगे। इस दौरान उनके पैरों नीचे लोग कुचले गए। चीख पुकार मचने से भगदड़ मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे।

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बता दें कि हादसे के बाद पहले 13 अखाड़ों ने स्नान रद्द किया, फिर पुलिस-प्रशासन की परमिशन से दोपहर बाद स्नान किया। मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी दिन बुधवार को रात 8 बजे तक 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। 13 जनवरी से अब तक महाकुंभ में 27.58 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं, लेकिन मौनी अमावस्या पर हुए हादसे ने आस्था के प्रतीक इस महापर्व पर मौतों का दाग लगा दिया।

First published on: Jan 30, 2025 09:42 AM

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