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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Patanjali News: नई बुलंदियों पर पहुंचेगा योग और आयुर्वेद, पतंजलि ने 3 यूनिवर्सिटीज के साथ किया MOU साइन

Patanjali News: देश में नई शिक्षा क्रांति को लाने के लिए पतंजलि ने देश के तीन बड़े शैक्षिक संस्थानों के साथ MOU साइन किया है। इससे शिक्षा क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jun 26, 2025 11:45

Patanjali News: देश में योग, आयुर्वेद और भारतीय ज्ञान परंपरा को नई बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए पतंजलि विश्वविद्यालय और पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने देश के तीन बड़े और नामी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर शिक्षा, चिकित्सा, योग, आयुर्वेद, कौशल विकास, भारतीय ज्ञान परम्परा एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग के लिए आज यानी 26 जून को MOU पर हस्ताक्षर किए हैं।

कौन-कौन थे मौजूद?

इस ऐतिहासिक अवसर पर मौजूद थे ये सभी लोग- प्रोफेसर इंद्र प्रसाद त्रिपाठी, कुलगुरु, राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश। डॉ. संजय तिवारी, कुलगुरु, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग, छत्तीसगढ़। मध्य प्रदेश के चित्रकूट में स्थित महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. भरत मिश्रा भी इस अवसर पर मौजूद थे। इन सभी विद्वतजनों ने पतंजलि में चल रहे राष्ट्र निर्माण के कार्यों की प्रशंसा भी की।

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क्या है MOU का मोटिव?

इस एमओयू से न केवल देश में शिक्षाविदों और छात्रों को लाभ होगा, बल्कि भारत की प्राचीन वैज्ञानिक परंपराओं को भी आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने का अवसर मिलेगा, जो इस दिशा में एक बेहतरीन कदम साबित होगा।

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आचार्य बालकृष्ण ने भी दी महत्वपूर्ण जानकारी

इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि द्वारा किए जा रहे इस इतिहास लेखन, वनस्पति शास्त्र लेखन, निदान ग्रंथ, विश्व भेषज संहिता सहित अन्य शास्त्रों के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि ऋषि क्रांति, योग क्रांति तथा शिक्षा क्रांति का यह सफर देश के लाखों लोगों को इस प्रकार लाभान्वित करता रहेगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है। साथ ही वे कहते हैं की युवाओं और शोधकर्ताओं के लिए भी बेहतरीन अवसर है, जो उनके विकास में स्त्रोत बनेगा।

क्यों खास हैं यह साझेदारी?

  • इस MOU की मदद से भारत की ज्ञान परंपरा और विश्वविद्यालयों को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
  • युवाओं को योग, आयुर्वेद और संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलेगा।
  • कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
  • अनुसंधान और टेक्नोलॉजी के जरिए भारतीय चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच मिलेगा।

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First published on: Jun 26, 2025 11:37 AM

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