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UP Assembly: यूपी विधानसभा में लगी अदालत, रिटायर्ड IAS समेत 6 पुलिसवालों को एक दिन की सजा, जानें मामला

UP Assembly: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की विधानसभा (UP Assembly) में शुक्रवार को ऐसा नजारा दिखा, जो कई लोगों के जीवन में पहली बार आया होगा। चौंकिए नहीं…, राज्य की सर्वोच्च पंचायत यानी यूपी विधानसभा में अदालत लगी। इस अदालत के कठघरे में छह पुलिस कर्मियों को लाया गया। सर्वसम्मति के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Mar 3, 2023 14:30
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UP Assembly, UP News, Lucknow

UP Assembly: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की विधानसभा (UP Assembly) में शुक्रवार को ऐसा नजारा दिखा, जो कई लोगों के जीवन में पहली बार आया होगा। चौंकिए नहीं…, राज्य की सर्वोच्च पंचायत यानी यूपी विधानसभा में अदालत लगी।

इस अदालत के कठघरे में छह पुलिस कर्मियों को लाया गया। सर्वसम्मति के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दोषी पुलिस कर्मियों को एक दिन की सजा सुनाई। बताया गया है कि मामला सितंबर 2005 में कानपुर जिले में विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना से जुड़ा हुआ है।

वर्ष 2005 का है मामला, कानपुर में हुआ था लाठीचार्ज

जानकारी के मुताबिक उस वक्त प्रदेश में सपा की सरकार थी। मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बताया गया है कि सितंबर 2005 में बिजली कटौती को लेकर कानपुर में भाजपा के तत्कालीन विधायक सलिल विश्नोई पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप है कि तब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। इसमें तत्कालीन विधायक सलिल विश्नोई के पैर में फ्रैक्चर हुआ था। उसके बाद मामले की जांच के आदेश हुए।

इन पुलिस कर्मियों पर लगाया गया था आरोप

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस लाठीचार्ज में तत्कालीन सीओ अब्दुल समद (रिटायर्ड आईएएस), तत्कालीन थाना प्रभारी किदवई नगर ऋषि कांत शुक्ल, तत्कालीन काका देवा एसआई त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे सिंह, सिपाही विनोद मिश्र और सिपाही मेहरनाम यादव को आरोपी बनाया गया था। उनके खिलाफ कोर्ट में भी सुनवाई हुई। बताया गया है कि वर्ष 2005 से अभी तक कोर्ट का फैसला नहीं आया है।

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यहां देखें वीडियो

मंजूरी के बाद सदन में शुरू हुआ कार्यवाही

शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के निर्देश पर सदन में अदालत लगी। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की ओर से सदन में रखे प्रस्ताव को मंजूरी गई। इसके बाद अदालत की कार्यवाही शुरू की गई। कार्यवाही को लेकर सदन अध्यक्ष महाना ने सभी सदस्यों से उनकी राय मांगी। सभी ने फैसला लेने का अधिकारी अध्यक्ष को दिया।

एक दिन की सजा सुनाई

कार्यवाही के तहत अध्यक्ष ने छह पुलिस कर्मियों को अपने पक्ष में बोलने का मौका दिया गया। इस पर पुलिस कर्मियों की ओर से सदन में मांफी मांगी गई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सभी छह पुलिस कर्मियों को एक दिन की सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा मार्शल्स उन्हें अपने साथ ले गए।

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First published on: Mar 03, 2023 02:30 PM

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