Noida News: सुप्रीम कोर्ट के संशोधित आदेश के बाद नोएडा अथॉरिटी ने आवारा कुत्तों को लेकर एक अहम बैठक की। शहरभर में कुत्तों के प्रबंधन के लिए योजना तैयार की है। अब शहर में आक्रामक या रैबीज संक्रमित कुत्तों को दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। बाकी कुत्तों का नसबंदी और टीकाकरण कर उन्हें उनके मूल स्थान पर छोड़ा जाएगा।
नोएडा अथॉरिटी की नई योजना
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने स्वास्थ्य विभाग और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें तय किया गया है कि शहर भर में बेसलाइन सर्वे होगा। यह पता लगाया जाएगा कि कौन से कुत्ते नसबंदी और टीकाकरण से गुजरे है। कौन आक्रामक या काटने वाले है। शहर के आरडब्ल्यूए व एओए को नोटिस भेजा जाएगा। उनसे अनसेटरलाइज्ड कुत्तों की जानकारी मांगी जाएगी। इसमें कुत्तों की फोटो भी होगी।
2 विशेष शेल्टर होम बन रहे
रैबीज संक्रमित कुत्तों के लिए दो विशेष शेल्टर होम बनाए जा रहे है। यहां पर आक्रामक और रैबीज संक्रमित कुत्तों को रखा जाएगा। ये शेल्टर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में शुरू होंगे। जब तक ये शेल्टर शुरू नहीं होते तब तक ऐसे कुत्तों को मौजूदा एनिमल हॉस्पिटल या शेल्टर में रखा जाएगा।
कैसे पहचानें नसबंदी किए गए कुत्ते?
जिन कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है उनकी एक कान पर ट-आकार की कट होती है। यह देशभर में मान्यता प्राप्त तरीका है। इससे नसबंदी किए गए कुत्तों की पहचान आसानी से की जा सकेगी।
एनजीओ को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी
एनजीओ को शहर और आसपास के गांवों में सर्वे का कार्य सौंपा जाएगा। कुत्तों की सही स्थिति का आंकलन किया जाएगा। इस सर्वे के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
नागरिक अपनी शिकायत या सुझाव 0120-242502 पर साझा कर सकते हैं। इसके अलावा एक टोल-फ्री नंबर भी जल्द शुरू होगा। उस पर शहर के नागरिक कुत्तों से संबंधित कोई भी सूचना दे सकेंगे।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने 11 अगस्त के अपने आदेश को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए स्पष्ट किया था कि दिल्ली-एनसीआर में सभी कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने का निर्देश अभी के लिए स्थगित रहेगा। जो कुत्ते आक्रामक व्यवहार कर रहे हो या रैबीज से संक्रमित हो उन्हें सड़कों पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा।
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