Noida News: नोएडा शहर को स्मार्ट और सुरक्षित बनाने की दिशा में सेफ सिटी परियोजना ने रफ्तार पकड़ ली है. प्रोजेक्ट से संबंधित सभी कागजी दस्तावेजों का काम पूरा कर लिया गया है. अब अगले सप्ताह तक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी की जाएगी. इसके बाद चयनित कंपनी को तय समय सीमा में काम पूरा करना होगा.
561 स्थानों पर 2100 सीसीटीवी
इस परियोजना के अंतर्गत नोएडा के 561 स्थानों पर 2100 आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे नाइट विजन वाले होंगे और फेस डिटेक्शन तकनीक से भी लैस होंगे, जो कि मौजूदा ट्रैफिक सिस्टम के कैमरों से बिल्कुल अलग होंगे.
महिलाओं की निगरानी पर विशेष जोर
प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक नया कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा, जो कि केवल सुरक्षा की दृष्टि से कार्य करेगा. यह कंट्रोल रूम चालान संबंधी कार्यों से पूरी तरह अलग रहेगा. इसमें लगे कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट और यात्रियों की पहचान भी स्पष्ट रूप से कर सकेंगे.
आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाई जा रही है. जैसे ही कोई वांछित अपराधी कैमरों की जद में आएगा, उसकी लाइव लोकेशन और डाटा कंट्रोल रूम में तुरंत दिखाई देगा. कंट्रोल रूम सीधे पुलिस मुख्यालय से जुड़ा होगा और किसी भी घटना की जानकारी तुरंत नजदीकी थाना, चैकी या डायल-112 टीम को दी जा सकेगी.
6 से 9 माह का है लक्ष्य
नोएडा प्राधिकरण की योजना है कि इस प्रोजेक्ट को 6 से 9 महीनों में पूरा किया जाए और संभावना है कि यह काम 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा. इस पूरी परियोजना पर करीब 212 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसे नोएडा प्राधिकरण द्वारा वहन किया जाएगा. चयनित कंपनी को कैमरों की स्थापना, ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाना, पोल लगाना और मॉनिटरिंग स्टाफ को प्रशिक्षण देना होगा.
महिलाओं और संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष निगरानी
परियोजना के अंतर्गत जिन स्थानों का चयन किया गया है, उनमें बाजार, स्कूल, मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल्स के बाहर और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र शामिल हैं. इसके अलावा ब्लैक स्पॉट्स और महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील स्थानों पर खास नजर रखी जाएगी.
ग्रेटर नोएडा भी है शामिल
सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत गौतमबुद्ध नगर को दो भागों नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बांटा गया है. दोनों क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों का संपूर्ण ढांचा अलग-अलग प्राधिकरण बनाएंगे, लेकिन इसका संचालन पुलिस विभाग द्वारा किया जाएगा.
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