Noida International Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) की बोर्ड बैठक 27 जून को होने जा रही है। इस बैठक में एयरपोर्ट शुरू होने की तारीख का भी ऐलान किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि अभी तक एयरपोर्ट का काम पूरा नहीं हो पाया है। इस बैठक के बाद काम पूरा होने की नई डेडलाइन भी तय की जा सकती है।
लीजबैक समेत मुआवजा देर आदि प्रस्तावों पर लगेगी मुहर
27 जून को यापल की बोर्ड बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर फैसले हो सकते हैं। यापल की ओर डीजीसीए में एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन पहले ही हो चुका है, लेकिन एयरोड्रोम लाइसेंस डीजीसीए तभी जारी करेगा, जब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार टर्मिनल बिल्डिंग और अन्य काम पूरे हो जाएंगे। इसके अलावा 27 जून को यमुना की बोर्ड बैठक भी प्रस्तावित है, जिसमें किसानों के लीजबैक समेत मुआवजा देर आदि प्रस्तावों पर मुहर लगेगी।
मुख्य सचिव भी बैठक में हो सकते हैं शामिल
बता दें कि पिछले सप्ताह प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने साइट पर जाकर एयरपोर्ट के निर्माण कार्यों की समीक्षा की थी। उन्हें एयरपोर्ट के कार्यों की प्रगति को तेज करने के आदेश दिए थे। ऐसे में इस बैठक से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। वहीं बताया जा रहा है कि इस बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह भी उपस्थित रह सकते हैं।
जानिए कब-कब बढ़ी डेडलाइन
नोएडा एयरपोर्ट के संचालन की पहली डेडलाइन अक्तूबर 2024 थी। इसके बाद कंपनी ने अप्रैल 2024 में उड़ानें शुरू होने की घोषणा की थी। अब अप्रैल का महीना भी नजदीक आ गया है। अब अप्रैल नजदीक आने पर भी एयरपोर्ट संचालन के लिए तैयार नहीं है। दिसंबर 2024 में यहां विमान की सफल लैंडिंग भी हो चुकी है। अब मई में उड़ान शुरू होने का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उड़ानें शुरू होने में अभी और समय लगेगा।
30000 करोड़ में विकसित होगा प्रोजेक्ट
एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद 2025 में 1 से 1.5 मिलियन यात्रियों और 2026 में 8 मिलियन यात्रियों के आवागमन की संभावना है। इस परियोजना का पहला चरण 12 मिलियन यात्रियों की वार्षिक क्षमता के साथ शुरू होगा, जबकि अंतिम चरण में इसकी क्षमता 70 मिलियन यात्रियों तक होगी। अनुमानित रूप से, पूरा प्रोजेक्ट 30,000 करोड़ रुपए की लागत से विकसित होगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर भारत में हवाई यातायात को बढ़ावा देगा और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का भार कम करेगा।