newborn girl in kanpur forest: एक दिन बाद नवरात्रि का पर्व देशभर में शुरू हो जाएगा और कन्याओं के पूजन के साथ देवी के आगमन की तैयारियां की जाने लगेंगी। लेकिन इससे ठीक एक दिन पहले यूपी के कानपुर से ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया ,जिसने पूरी इंसानियत को शर्मसार कर दिया, कानपुर से सामने आई इस घटना से ममता शर्मसार हो गई। आपको बता दें कि कानपुर के भीतरगांव में नवरात्रि के ठीक एक दिन पहले सुनसान जंगल में एक नवजात बच्ची मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नवजात को गले लगाया और अस्पताल में भर्ती कराया। बताया जाता है कि नवजात बच्ची की हालत देखकर पुलिस वाले भी खुद को रोने से रोक न सके।
किसान ने सुनी रोने की आवाज, पास जाकर देखा तो गंभीर हालत में मिली नवजात
मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार देर रात करीब सवा दस बजे कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र के पडरी गांव के रहने वाला एक किसान घर से खाना खाकर रोज की तरह खेतों की रखवाली के लिए जा रहा था। इसी बीच किसान को गांव से तकरीबन आधा किमी दूर मौजूद जंगल में किसी नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। किसान ने जब पास जाकर देखा तो नवजात बच्ची रो रही थी। किसान के अनुसार, इस दौरान बच्ची के शरीर में ब्लड आ रहा था, झाड़ियों के कांटे भी उसके शरीर पर लगे हुए थे। इतना ही नहीं, नाभि से नारा भी जुड़ा हुआ था। इस दृश्य को देखकर किसान ने तुरंत डायल 112 पर फोन कर पुलिस को मामले की जानकारी दी।
नवजात बच्ची की हालत देखकर पुलिस के भी निकले आंसू, अस्पताल में कराया भर्ती
किसान की सूचना पाकर आनन फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने बच्ची को उठाकर सीने से लगाया। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू दिखाई दिए, वे खुद को रोने से भी नहीं रोक सके। पुलिसकर्मी बच्ची को झाड़ियों से बाहर निकालकर तेजी के साथ स्थानीय भीतरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर भारती कराया। हालाकि, नवजात बच्ची को किसने जन्म दिया और जंगल में क्यों फेंक दिया, इसे लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।
वहीं, भीतरगांव सीएचसी के अधीक्षक डॉ. मनीष तिवारी ने मामले पर आगे की जानकारी देते हुए बताया कि नवजात बच्ची के शरीर में लकड़ी और कांटे चुभने के जख्म हैं, हालाकि, समय पर उपचार मिलने के कारण उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की सूचना बाल कल्याण समिति को भेजी जाएगी।