Narsingh Mandir: जोशीमठ में आए संकट के बीच गुरुवार को बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर (Narsingh Mandir) परिसर में बिना पूर्व अनुमति के किसी भी आयोजन या गतिविधि पर रोक लगा दी गई है। यह आदेश नरसिंह मंदिर में सुरक्षित बद्रीनाथ की संपदा को लेकर जारी किया गया है।
अभी मंदिर पर नहीं है कोई खतरा, एहतियात पूरा
हालांकि मंदिर के अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि यह मंदिर किसी भी खतरे में नहीं है। फिर भी वे एक वैकल्पिक स्थान की तलाश कर रहे हैं, जहां काफी मात्रा में सोने और चांदी के साथ अन्य सामान रखा जा सके। बता दें कि सिंगधर वार्ड और जेपी कॉलोनी जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। नरसिंह मंदिर से इस स्थान से कुछ ही किलोमीटर दूर हैं।
Uttarakhand | Demolition of damaged buildings underway in Joshimath after dangerous cracks appeared in various buildings and structures in the pilgrim town due to land subsidence.
---विज्ञापन---Visuals from outside the PWD Guest house. pic.twitter.com/Q5xZ1a97rl
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 19, 2023
बद्रीनाथ का सोना-चांदी यहां रखा जाता है
बताया जाता है कि बद्रीनाथ के चढ़ावे (सोना, चांदी और पैसा) को भी सर्दियों के दौरान नरसिंह मंदिर में लाया जाता है। हालांकि नरसिंह मंदिर और उसके परिसर में अभी तक कोई दरार नहीं आई है, लेकिन एहतियाती कदम के तौर पर एक वैकल्पिक योजना बनाई गई है कि यदि कोई आपदा आती है तो इस धन को कहां रखा जा सकता है।
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जोशीमठ में मकानों को गिराने का सिलसिला जारी
जोशीमठ संकट को लेकर ताजा जानकारी के मुताबिक भू-धंसाव के कारण तीर्थनगरी के विभिन्न मकानों और इमारतों में खतरनाक दरारें हैं। इन इमारतों को वर्तमान में गिराने का काम चल रहा है। इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ प्रभावित जोशीमठ में किए जा रहे राहत कार्यों की अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
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