Lord Ram-Sita Kanak Temple in Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अब बस गिनती के दिन बचे हैं, समारोह को लेकर लोगों में एक अलग ही लेवल का उत्साह देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से राम भक्त प्राण प्रतिष्ठा समारोह में होने के लिए अयोध्या आ रहे हैं, लेकिन आप जानते है कि राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर के असाला और भी बहुत मंदिर है। यहां हर एक मंदिर की अपनी अलग विशेषता है और सबका संबंध सीता-राम से है। उन्हीं में एक अयोध्या में स्थित कनक मंदिर भी है।
कनक मंदिर की मान्यता
कनक मंदिर को लेकर कहा जाता है जब मां सीता विवाह के बाद अयोध्या आई तो माता कैकेयी ने उन्हें मुंह दिखाई में कनक भवन महल दिया था। कनक मंदिर के लिए यहा भी जाता है की जब प्रभु राम का माता सीता से विवाह हुआ तो राम जी सीता मां के रहने के लिए एक महल बनवाने के बारे में सोचा। इसके बाद उसी रात अयोध्या की रानी कैकेयी को सपने में एक महल दिखा। इसके बाद रानी कैकेयी ने देवता विश्वकर्मा से इस महल का निर्माण करवाया, जिसे उन्होंने कनक भवन महल नाम दिया।
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राम सीता का निजी महल
प्रभु राम और सीता की शादी के बाद रानी कैकई ने वंश की बड़ी बहू सीता को मुंह दिखाई में कनक भवन दे दिया, जो राम सीता का निजी महल था। हजारों मंदिरो में ये अनोखा और बेजोड़ मंदिर है। कनक भवन में प्रवेश करते ही मेन गेट के दाहिनी तरफ कनक भवनेश्वर महादेव का मंदिर है। बाई तरफ पूजा पाठ की दुकान और ठीक सामने कनक भवन दिव्यता और भव्यता दिखाते है।
भगवान के 3 रूप
पिछले 30 साल से राम कृपाल दास मंदिर की सेवा कर रहे है। उन्होंने मंदिर के बारे में बात करते हुए बताया कि यहां भगवान तीन रूप में है छोटे सरकार मझले सरकार और बड़े सरकार। यह अकेला ऐसा मंदिर है जहां श्री राम और माता सीता का शयन कक्ष भी है। मंदिर के भूतल, गर्भ गृह और प्रथम तल पर शयन कक्ष स्थित है।