दीपावली के मौके पर बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिल रही है. त्योहार के समय बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलता है. इस बीच यूपी के जौनपुर में हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर एकता की मिसाल पेश की है. दीपावली को जगमग करने के लिए मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर दीयों का निर्माण किया है. इस बार इनके बनाए गए दीये सिर्फ जौनपुर में नहीं बल्कि अमेरिका में भी जगमगाते नजर आएंगे.
जौनपुर मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर जलालपुर थाना क्षेत्र के महिमापुर गांव में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मिल्की स्वयं सहायता समूह की 12 महिलाएं मिलकर प्रतिदिन हजारों दीये बनाती हैं. जिसमें 5 महिलाएं हिंदू हैं जबकि 7 महिलाएं मुस्लिम हैं. इसी गांव की आस-पास की हिंदू और मुस्लिम महिलाएं मिलकर दीपक बनाती हैं. भले ही समूह की ये महिलाएं अशिक्षित या कम पढ़ी-लिखी हैं, लेकिन इनकी लगन, मेहनत, आत्मविश्वास और महिला सशक्तिकरण के हुनर की चारों ओर तारीफ हो रही है.
कई शहरों में जा रहे दीये
ये महिलाएं बताती हैं कि ये दीपक स्वदेशी मिट्टी से बनाने का काम 4 वर्षों से लगातार कर रही हैं, लेकिन इस बार रंग-बिरंगे और अलौकिक दीपक जौनपुर के साथ-साथ अन्य जनपदों और राज्यों में भी देखने को मिलेंगे. काशी, अयोध्या और मुंबई में भी इनके बनाए गए दीपक बेचे जा रहे हैं. खास बात यह है कि ये दीपक अमेरिका में जलाने के लिए भी एक व्यक्ति ले गए हैं.
इस अनोखे दीये की खासियत यह है कि ये दीये बिना तेल के जलते हैं, वह भी एक घंटे तक. इसलिए इनके दीपकों की मांग बढ़ती जा रही है. महिलाएं बताती हैं कि अब तक 15 हजार से अधिक दीपक बनाए जा चुके हैं और सभी की बिक्री हो चुकी है. समूह की हिंदू-मुस्लिम महिलाएं मिलकर गंगा-जमुनी तहज़ीब को जीवित रखने के लिए इस दीपावली पर दीपकों के ज़रिए सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी प्रेम-सद्भाव का संदेश दे रही हैं.
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मिल्की स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष जाफरुन एजाज ने बताया कि इस दीपक के लिए जौनपुर समेत अन्य जिलों से ऑर्डर मिल रहा है. दोस्त ओम प्रकाश खुरानी अमेरिका से भारत आए थे, वो भी यह दीपक ले गए हैं. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी को एक होकर रहने और महिलाओं को आत्मनिर्भर होकर काम करने की ज़रूरत है. हिंदू-मुस्लिम हम सभी महिलाएं एक साथ दीपक बनाने का काम करती हैं. आने वाले दिनों में ये दीपक दुनिया के हर कोने में अपनी पहुंच बनाने में कामयाब हो जाएंगे.