ITBP Rescue Operation in Uttarakhand: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत-चीन सीमा पर बर्फबारी में फंसे सैनिकों को 3 दिन बाद बचा लिया गया है। भारी बर्फबारी के बीच फंसे ये जवान मुनस्यारी में 84 किलोमीटर दूर एक गुफा में मिले। गुफा के बाहर 4 फीट मोटी बर्फ की चादर जमी थी। जिसे बचाव दल ने तोड़ा और मशक्कत के बाद दोनों जवानों को सुरक्षित निकाल लिया। बिहार के बक्सर के रहने वाले अनिल राम और देवेंद्र सिंह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का हिस्सा हैं। जो मुनस्यारी से मिलम तक सीमा पर गश्त के लिए गए थे। लेकिन भारी बर्फबारी के दौरान अनिल और उनके पोर्टर देवेंद्र सिंह भटक गए। जिसके बाद से दोनों का पता नहीं लग रहा था। बचाव दल उनकी खोज में जुटा था। बर्फ के बीच उन्होंने 3 दिन एक गुफा में बिताए।
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बचाव दल ने हार नहीं मानी और विपरीत परिस्थितियों में अपने साथियों को खोज निकाला। लगातार 36 घंटे की तलाश के बाद दोनों जवानों को सुरक्षित निकाल लिया गया। रेस्क्यू के बाद अनिल को उत्तराखंड के आर्मी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। परिवार को भी रेस्क्यू की जानकारी दे दी गई है। अनिल के भाई गांधी कुमार के अनुसार ITBP ने उनसे संपर्क किया है। भाई को रेस्क्यू के बाद इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। जल्द ही उनके भाई सकुशल घर लौटेंगे। वहीं, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट श्रेष्ठ गुनसोला ने बताया कि दोनों जवानों को बचा लिया गया है। अनिल और देवेंद्र को बचाव दल ने चार फीट मोटी बर्फ की परत तोड़कर खोज निकाला।
All in a day’s work for #IndianArmy soldiers. What they’re crossing with a ladder is a crevasse, which can be a few feet deep to a hundred, & sub-zero temperatures.#Soldiers risk their lives on the frozen borders all the time, so that we can breathe freely.
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— Lt Gen Satish Dua 🇮🇳 (@TheSatishDua) September 19, 2024
पिछले साल कारगिल में हुआ था हादसा
पिछले साल अक्टूबर में भारतीय सेना की टुकड़ी भी हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी। 40 जवान दल में शामिल थे। कारगिल के माउंट कुन में हादसा हुआ था। जिसके बाद एक जवान शहीद हो गया था। सेना ने रेस्क्यू चलाकर कई घंटे की मशक्कत के बाद इनको सुरक्षित निकाला था। बताया गया था कि भारतीय सेना का लद्दाख में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) है। उसके और भारतीय सेना के आर्मी एडवेंचर विंग के सदस्य रूटीन ट्रेनिंग के लिए माउंट कुन के पास मौजूद थे। इसी दौरान वे हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे।
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