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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

INDIA का नाम बदलने पर मुलायम परिवार में फूट, जेठ से अलग है अपर्णा यादव की राय, जानें- क्या कहा

India vs Bharat Renaming row: देश का नाम INDIA से बदलकर पूरी तरह भारत किए जाने की चर्चा जोरों पर है। देशभर में इसको लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा बिष्ट यादव ने परिवार से अलग बयान दिया है। उनका कहना है कि […]

Author Published By : jp Yadav Updated: Sep 8, 2023 10:55
India vs Bharat Renaming row
India vs Bharat Renaming row

India vs Bharat Renaming row: देश का नाम INDIA से बदलकर पूरी तरह भारत किए जाने की चर्चा जोरों पर है। देशभर में इसको लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा बिष्ट यादव ने परिवार से अलग बयान दिया है। उनका कहना है कि अगर उनके ससुर मुलायम सिंह जिंदा होते तो INDIA नाम बदलने पर वह भारतीय जनता पार्टी के होते।

अखिलेश यादव से जुदा है अपर्णा की राय

बता दें कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव समेत समाजवादी पार्टी के सभी नेता जहां संभलकर इस मुद्दे पर बयान दे रहे हैं, वहीं मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक की पत्नी और भाजपा नेता अपर्णा यादव ने खुलकर इस पर अपना पक्ष रखा है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में अपर्णा यादव ने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव जिंदा होते तो वह INDIA का नाम बदलकर पूरी तरह से भारत किए जाने का समर्थन करते।

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विपक्ष को दी नसीहत

INDIA का नाम बदलकर भारत करने पर उन्होंने विपक्ष के नेताओं को घेरते हुए कहा कि उन्हें अपनी सोच बड़ी करनी चाहिए और सार्वजनिक बयान देने से पहले विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव एक राष्ट्रवादी नेता था और दूरदर्शी सोच के व्यक्ति थे। जाहिर है कि अगर नेता जी आज जिंदा होते तो निश्चित तौर पर INDIA का हटाकर देश का नाम पूरी तरह से भारत करने पर जोर देते। भाजपा नेता अपर्णा यादव ने विपक्ष को भी नसीहत दी है।  साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर एक मत नहीं है।

उधर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि भाजपा को उसके नाम से अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘पार्टी’ को निकालकर ‘दल’ करना चाहिए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा- ‘वैसे तो भाषाओं का मिलन और परस्पर प्रयोग बड़ी सोच के लोगों के बीच मानवता और सौहार्द के विकास का प्रतीक माना जाता है।

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इसी पोस्ट में अखिलेश यादव ने सुझाव दिया है कि  अगर संकीर्ण सोचवाली भाजपा और उसके संगी-साथी किसी भाषा के शब्द को गुलामी का प्रतीक मानकर बदलना ही चाहते हैं तब तो सबसे पहले भाजपा को भी अपना एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए। अपने नाम में से अंग्रेज़ी का शब्द ‘पार्टी’ हटाकर स्वदेशी परंपरा का शब्द ‘दल’ लगाकर अपना नाम भाजपा से भाजद (भारतीय जनता दल) कर देना चाहिए।

 

First published on: Sep 08, 2023 10:40 AM

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