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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

मनसा देवी मंदिर का रास्ता कितना खतरनाक? भगदड़ के सामने आए ये 5 कारण

Haridwar Temple Stampede: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में आज सुबह भगदड़ हो गई। अब तक कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भगदड़ में करीब 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं, घायलों की संख्या 25 से 30 बताई जा रही है। मनसा देवी मंदिर का रूट क्यों रिस्की है? आइए जानते हैं वहां भगदड़ के क्या कारण हो सकते हैं।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 27, 2025 11:21

Mansa Devi Temple Stampede: सावन के पावन महीने में हरिद्वार जाने की मान्यता काफी प्रचलित है। इस महीने कांवड़ियों समेत हजारों भक्त यहां पहुंचते हैं। रविवार सुबह यहां मंदिर परिसर के पास भगदड़ हो गई है। अब तक इस घटना में 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं, घायलों की संख्या 25 से 30 लोगों की बात कही जा रही है। बता दें कि हर की पौड़ी से मंदिर की दूरी लगभग 1.5 से 2 किलोमीटर दूर है। ऊपर सीधी पहाड़ियों वाले रास्ते में चंडीदेवी और मनसा देवी मंदिर मौजूद है, जहां की चढ़ाई करनी पड़ती है।

मंदिर का रास्ता कितना खतरनाक है?

मनसा देवी मंदिर जाने के लिए मुख्यत: दो रास्ते हैं पहला रोपवे रूट और दूसरा पैदल यात्रा का रूट। पैदल चलकर जाने वाला रास्ता ज्यादा रिस्की है क्योंकि यह रास्ता संकरा और पतला है। इस पूरे रास्ते में सीधी पहाड़ियां हैं जिनकी चढ़ाई के लिए एकसाथ काफी भक्त पहुंचते हैं। इसलिए, भगदड़ का एक कारण भीड़भाड़ का बेकाबू हो जाना भी है।

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पैदल रूट में आने वाली परेशानियां

1.अफवाह- मनसा देवी मंदिर जाने वाले पैदल रास्ते की दूरी लगभग 1 से 2 किलोमीटर तक की है। इस रास्ते में करीब 8000 से 10000 सीढ़ियां हैं, जिसकी चढ़ाई करनी होती है। अगर कोई पैदल मंदिर के लिए जाता है तो उसे 1 से 2 घंटे का समय लग सकता है। अफवाह के फैलने से इस रास्ते में भगदड़ होने की संभावना हो सकती है।

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2.संकरा रास्ता- बता दें कि यह रास्ता बड़ा ही संकरा है और यहां बरसात के मौसम में फिसलन भी रहती है। भीड़ के समय धक्का-मुक्की हो जाए तो भगदड़ हो सकती है। आज की घटना की वजह मंदिर की सीढ़ियों में करंट का दौड़ने की अफवाह का फैलना बताया जा रहा है। हालांकि, गढ़वाल डीसी ने इस पर अभी आगे जांच की बात कही है।

3.रास्ते में बंदरों का आतंक- पैदल रास्ते में बंदरों का भी आतंक है। ये भक्तों के हाथ में प्रसाद और अन्य खाने-पीने की वस्तु देखते ही उन पर अटैक करते है जिस वजह से अफरा-तफरी मच सकती है।

4.अत्यधिक भीड़ होना- मनसा देवी मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। यह सावन का महीना है, इस महीने में भक्तों की भीड़ सामान्य से काफी अधिक होती है। इस रास्ते में भगदड़ की एक वजह एक ही रास्ते से ऊपर और नीचे जाना भी है। एकतरफा रास्ता राहत-बचाव कार्य को भी बाधित कर सकता है।

5.प्रशासनिक चूक-इस पूरे रास्ते में पुलिसा और प्रशासन द्वारा कोई भी व्यवस्था नहीं दी गई है जो भीड़ को नियंत्रित कर सके। इस रूट पर सीसीटीवी या अनाउंसमेंट सिस्टम की भी कमी है, जिससे स्थिति नियंत्रण करने में मदद मिलती है।

रोपवे रूट भी मुश्किल भरा

पैदल यात्रा से बचने के लिए लोग बड़ी संख्या में केबल कार का इस्तेमाल करते हैं। इस रूट से जाने वाले लोगों की संख्या भी बहुत अधिक होने की वजह से मंदिर परिसर में पैदल यात्री और रोपवे से आने वाले भक्त एकसाथ जमा हो जाते हैं। ऐसे में मंदिर के गर्भग्रह के बाहर भक्तों का जमावड़ा हो जाता है और नीचे उतरते समय भी भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। रोपवे रूट से मंदिर जाने में 3 से 5 मिनट का समय लगता है। अधिकांश बच्चे और बुजुर्ग इस केबल कार से ही मंदिर तक जाते हैं।

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First published on: Jul 27, 2025 10:31 AM

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