Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के डेल्टा-2 सेक्टर में धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास का मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है. आरोप है कि सेक्टर में चार लोगों का एक समूह हिंदू महिलाओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए रुपये का लालच और पंपलेट बांटकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहा था. पुलिस ने कपिल कुमार गर्ग की शिकायत पर चारों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
कैश व प्रचार सामग्री देकर धर्म बदलवाने का आरोप
डेल्टा-2 निवासी कपिल कुमार गर्ग एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी जुड़े हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चार व्यक्ति उनकी अनुपस्थिति में उनके घर पहुंचे और उनकी पत्नी रीतू गर्ग को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया. आरोपितों ने उन्हें पैसे व ईसाई धर्म से संबंधित पंपलेट देकर धर्म परिवर्तन करने का सुझाव दिया. कपिल के अचानक घर पहुंचने पर आरोपितों ने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने शोर मचाकर पड़ोसियों की मदद से चारों को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया.
पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद छोड़ा
सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने चारों आरोपितों को हिरासत में लेकर प्रारंभिक पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया. सभी को आगे की जांच के लिए दोबारा तलब किया गया है. पुलिस ने जिन चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनमें सनप्रीत गोगिया व उनकी पत्नी अर्चना गोगिया निवासी नई दिल्ली और अनुज कुमार व सुनीता निवासी ओमिक्रोन-3, प्लूमेरिया गार्डन, ग्रेटर नोएडा शामिल है.
बीमार बच्चों के बहाने संपर्क का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि आरोपित ऐसे घरों को निशाना बना रहे हैं, जहां बच्चे बीमार हैं. पास ही रहने वाली रेखा की बेटी बीमार थी. आरोप है कि सुनीता अस्पताल में मिलने के बहाने रेखा के घर पहुंची और उन्हें भी ईसाई धर्म से जुड़ी सामग्री दी.
आरोपितों की पृष्ठभूमि खंगाल रही पुलिस
पुलिस जांच में सामने आया है कि सनप्रीत और अर्चना गोगिया एकाउंटेंट हैं और दोनों की उम्र करीब 65 वर्ष है. अनुज एक निजी कंपनी में कार्यरत है, जबकि सुनीता हाउस वाइफ हैं. इनके धार्मिक संगठनों और फंडिंग स्रोतों की भी जांच की जा रही है. चारों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे ईसाई धर्म का प्रचार करते हैं, लेकिन किसी को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित नहीं करते है.
अमेरिकी संस्था से जुड़े होने की आशंका
सूत्रों ने दावा किया है कि इस मामले में एक अमेरिकी संस्था का हाथ हो सकता है. इसका मुख्यालय पेंसिल्वेनिया में है. हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि यह संस्था दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय है और मिशनरी गतिविधियों के जरिए धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास कर रही है.
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