Kedarnath Ropeway Project : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय रोप-वे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोप-वे परियोजना के विकास को मंजूरी दे दी है। इससे केदारनाथ पहुंचना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही एक अन्य परियोजना हेमकुंड रोप-वे के लिए भी कैबिनेट से मंजूरी मिली है। जिस दूरी को तय करने में 9 घंटे का समय लगता था, वहीं इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सिर्फ आधे घंटे का समय लगेगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जिस यात्रा में अभी 8-9 घंटे लगते हैं, वह घटकर 36 मिनट रह जाएगी। इस रोप-वे में एक बार में 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।
#WATCH | Delhi: Union Cabinet today approved development of 12.9 km long ropeway project from Sonprayag to Kedarnath in Uttarakhand under National Ropeways Development Programme – Parvatmala Pariyojana
Union Minister Ashwini Vaishnaw says, “The big advantage of this will be that… pic.twitter.com/DgWEbR88jV
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 5, 2025
इस परियोजना से हेमकुंड जाना भी आसान हो गया। हेमकुंड परियोजना के लिए 2730 करोड़ की मंजूरी मिली है। वहीं सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच भी रोप-वे बनाया जाएगा। इससे केदारनाथ पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। केदारनाथ रोप-वे परियोजना के लिए कैबिनेट ने 4081 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
#WATCH | Union Cabinet today approved development of 12.4 km long ropeway project from Govindghat to Hemkund Sahib in Uttarakhand, under National Ropeways Development Programme – Parvatmala Pariyojana pic.twitter.com/8WuKJ1CvcH
— ANI (@ANI) March 5, 2025
सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (DBFOT) मोड पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की घोषणा पहली बार अक्टूबर 2022 में “पर्वतमाला परियोजना” कार्यक्रम के तहत की गई थी, इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना है।
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रोपवे को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (Advanced Tri-Cable Detachable Gondola) तकनीक पर आधारित होगा। इस रोप-वे से प्रति घंटे प्रति एक दिशा में 1,800 यात्री जा सकेंगे वहीं एक दिन में इनकी संख्या 18 हजार से अधिक होगी।