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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

खिड़कियों से कूदे लोग, जान बचाने की जद्दोजहद…5 पाइंट में देखें Gonda Train Accident के ताजा अपडेट

Gonda Train Accident: उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुए ट्रेन हादसे की आंखों देखी एक घायल ने बयां की। वहीं पुलिस जांच में लोको पायलट का दावा भी खारिज हुआ है। आइए देखते हैं, हादसे से जुड़े 5 बड़े और ताजा अपडेट...

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jul 19, 2024 08:51
UP Gonda Train Accident
UP Gonda Train Accident (x.com/Ramesh_Jarawata)

Gonda Train Accident Latest Update: उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुए ट्रेन हादसे ने एक बार फिर लोगों के जेहन को झकझोर दिया। बहुत से लोगों के दिमाग में उन हादसों की यादें ताजा हो गई होंगी, जिनमें उन्होंने अपनों को खोया होगा। क्योंकि गोंडा में हुए हादसे के बाद भी लोगों को बर्बादी का मंजर देखने को मिला। हादसे के प्रत्यक्षदर्शी अपने-अपने तरीके से आंखों देखी बयां कर रहे हैं। ऐसे ही एक घायल ने भी बताया कि ट्रेन की बोगियां पलटने के बाद उसने क्या देखा?

घायल ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि बोगी पलटते ही वह खेत में जा गिरा। उसने देखा कि लोग चिल्ला रहे हैं। जान बचाने की जद्दोजहद में वे बोगियों की खिड़कियां तोड़कर बाहर निकल रहे थे। कहीं बोगियों में धमाका न हो जाए, यह सोचकर लोग भाग रहे थे। इससे ज्यादा दर्दनाक हादसे में घायल हुए लोगों को हाल था। किसी का हाथ कटा हुआ था, किसी के पैर में गंभीर चोट लगी थी। एक शख्स का चेहरा बुरी तरह खून से लथपथ था। चीख पुकार मची थी और बच्चों के रोने, दर्द से कराहते लोगों की आवाजें दिल चीर रही थीं।

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लोको पायलट का दावा खारिज किया गया

उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुए ट्रेन हादसे की हाई लेवल जांच करने के आदेश रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की पुलिस की प्राथमिक जांच में हादसे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, प्रदेश पुलिस ने डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट त्रिभुवन के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उसने कहा था कि उसने हादसे से पहले धमाके की आवाज सुनी थी, जो इतना जोरदार था कि वह डर गया था। पुलिस ने हादसास्थल की जांच की तो किसी तरह का धमाका होने के कोई सबूत नहीं मिले। न ही रेल ट्रैक पर किसी तरह की गड़बड़ी मिली है। रेल ट्रैक के दोनों ओर करीब 100 किलोमीटर दूर तक पटरी चैक की गई, लेकिन न पटरी में कोई क्रैक है और न ही पटरी कहीं से टूटी मिली है। खुद प्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने इस दावे का खंडन किया।

 

ट्रेन की स्पीड ज्यादा होने का खुलासा

सूत्रों के मुताबिक, रेलवे की महाप्रबंधक शौम्या माथुर और रेलवे के संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने हादसास्थल का जायजा लिया। ट्रेन के इंजन रूम की तलाशी भी ली गई। इस दौरान आखिरी रिकॉर्ड जांचा गया तो अंदाजा लगा कि हादसे के समय ट्रेन की स्पीड ज्यादा थी। ट्रेन करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी, जबकि औसतन ट्रेन की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा रहनी चाहिए थी।

 

हादसे का असर ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ा

उत्तर प्रदेश में गोंडा-मनकापुर रेल ट्रैक पर मोतीगंज-झिलाहीं स्टेशन के बीच हुए हादसे का असर ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ा है। देररात रेलवे ने एक आदेश जारी करके करीब 7 ट्रेनें रद्द कर दीं और 30 से ज्यादा ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर दिया। इसकी वजह बताते हुए रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हादसास्थल से मलबा उठाया जाना है, जिसमें एक-2 दिन लग जाएंगे। JCB और क्रेन से मलबा उठाकर डंप किया जा रहा है। गैस कटर से बोगियां काटी जा रही हैं। NDRF-SDRF की टीमें रेलवे ट्रैक साफ कर रही हैं।

पैसेंजर दूसरी ट्रेन से रवाना किए गए

रेलवे की ओर से जानकारी दी गई है कि हादसाग्रस्त हुई ट्रेन के पैसेंजरों को स्पेशल ट्रेन के जरिए उनके गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया है। पैसेंजरों को पहले बस से मनकापुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचाया गया। उन्हें नाश्ता डिनर कराने के बाद 8 बजकर 50 मिनट पर स्पेशल ट्रेन से डिब्रूगढ़ भेजा गया।

 

4 की मौत और मुआवजे का ऐलान

बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस (15904) डिरेल हो गई थी। 5 AC कोच समेत 21 बोगियां पटरी से उतरकर खेतों में भरे पानी में पलट गई थीं। हादसे में 4 लोगों की मौत हुई और करीब 40 लोग गंभीर घायल हुए। हादसा गोंडा शहर से 30 किलोमीटर दूर झिलाही और मोतीगंज रेलवे स्टेशनों के बीच हुआ। 2 मृतकों की पहचान हुई है। एक चंडीगढ़ का रहने वाला राहुल (38) है। दूसरी मृतका बिहार निवासी सरोज कुमार सिंह (30) है। रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिवार के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। मृतकों को 10 लाख, घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।

First published on: Jul 19, 2024 08:02 AM

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