Ghaziabad Police Rescued Kidnapped Child: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के वेव सिटी थाने की पुलिस ने 9 महीने के बच्चे के अपहरण का खुलासा कर दिया है। वेव सिटी पुलिस ने अपहरण मामले में आरोपी मनोज, महावीर और हरवंश सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि 9 महीने के बच्चे को घर के बाहर से मनोज ने उठाया था। उसने उसे 80 हजार रुपये में महावीर को बेच दिया था। महावीर ने उस बच्चे को आगे डेढ़ लाख रुपये में हरवंश सिंह को बेच दिया। पुलिस बच्चे को ट्रेस करते हुए हरवंश सिंह के घर पहुंची।
पुलिस ने हरवंश के घर से बच्चे को सकुशल बरामद करके उसे उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। ACP वेव सिटी लिपि नगायच मामले की पुष्टि की और बताया कि थाना वेव सिटी पुलिस को बच्चे के अपहरण की सूचना मिली थी, जिसके बाद प्रकरण की जांच की गई और पता चला कि बच्चे का अपहरण ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए किया गया है। CCTV और CDR की मदद से बच्चे को सकुशल बराबर करके उसके परिजनों को सौंप दिया है। बच्चे का अपहरण करने वाले आरोपी मनोज को गिरफ्तार करते हुए उससे पैसे बरामद किए और उसकी निशानदेही पर अन्य दोनों आरोपी दबोचे गए।
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उत्तराखंड से रेस्क्यू किया गया बच्चा
ACP लिपि नगायच ने बताया कि बच्चे को किडनैप होने के बाद खरीदने वाला दंपति उत्तराखंड का रहने वाला था। दंपति को शादी के 20 साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ था। इसलिए उन्होंने अपने परिचित से बच्चे का इंतजाम करने को कहा था, जिसने किसी के बच्चे को किडनैप करके उनकी मुराद पूरी की, जो कानूनन अपराध है। इतना ही नहीं, दोनों ने बच्चे को बेचने के बाद मिले पैसों से शराब भी पी।
साथ-साथ काम करते थे पीड़ित-आरोपी
ACP ने बताया कि पीड़ित मनोज दीनानाथपुर पूठी निवासी मनोज धौलाना के खिचरा में बनी प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करता है। उसकी पत्नी का नाम मालती है। दोनों के 3 बच्चे 5 साल की बेटी, 3 साल का बेटा और 9 महीने का बेटा है। इसी फैक्ट्री में उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला मनोज कुमार भी काम करता है। इससे पहले पीड़ित मनोज, आरोपी मनोज और महावीर तीनों उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर स्थित फैक्ट्री में काम करते थे।
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खिलाने के बहाने बच्चे को ले गया था मनोज
उत्तराखंड में फैक्ट्री बंद हो गई तो तीनों धौलाना के खिचरा स्थित प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे थे। साथ-साथ काम करने के कारण महावीर-मनोज का मनोज के घर आना-जाना था। इसी पहचान का फायदा उठाकर मनोज सोमवार दोपहर को घर आया और 9 महीने के हर्षित को खिलाने के बहाने बाहर ले गया, लेकिन वह बच्चे को लेकर वापस नहीं आया। उसका फोन भी बंद आ रहा था। तलाशने पर भी बच्चा नहीं मिला तो पीड़ित पुलिस थाने गए।
नंबर ट्रेस करके आरोपी तक पहुंची पुलिस
ACP ने बताया कि किडनैपिंग की शिकायत मिलते ही मनोज का नंबर सर्विलांस पर डालकर ट्रेस किया, जिसकी लोकेशन उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में मिली। ऊधमसिंह नगर थाना पुलिस को जानकारी देकर लोकेशन पर भेजा गया। पुलिस ने आरोपी महावीर को ऊधमसिंह नगर के ITI थाना क्षेत्र के बांसखेड़ा से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने पर उसने बताया कि बच्चे को मनोज लाया था और उसे 80 हजार में बेचकर चला गया।
उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हरवंश के घर जाकर बच्चे को बरामद किया, जिसे बच्चा डेढ़ लाख में बेचा गया था। दोनों आरोपियों और बच्चे को लेकर पुलिस गाजियाबाद आई। पुलिस की एक टीम ने बदायूं जाकर मनोज को दबोचा और पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
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