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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Etawah Kathavachak Case: कौन है मुकुटमणि यादव का गुरू? जिनसे दीक्षा लेकर बने कथावाचक

Etawah Kathavachak Case: उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक मुकुटमणि यादव के साथ हुई बदसलूकी के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, मुकुटमणि यादव के पिता ने बताया कि उन्होंने कथावाचक बनने के लिए मुकुट ने गुरु से दीक्षा ली है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Jun 27, 2025 15:04
Etawah Kathavachak Case
कौन है मुकुटमणि यादव का गुरू (News24 GFX)

Etawah Kathavachak Case: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचक मुकुटमणि यादव और उनके सहायक संत यादव के साथ हुई बदसूलूकी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जातिगत गत भेदभाव का ये मामला अब सियासत का रूप ले रहा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मुकुटमणि यादव और संत यादव से मुलाकात की। वहीं इस बीच मुकुटमणि यादव के पिता ने काफी चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि मुकुटमणि पिछले 15 साल से कथावाचक के रूप में काम कर रहा है। इसके लिए गुरु से दीक्षा भी ली है।

कौन है मुकुटमणि यादव का गुरू?

मालूम हो कि मुकुटमणि यादव इटावा के थाना सिविल लाइन के जवाहरपुरा गांव के रहने वाले हैं। मीडिया से बात करते हुए मुकुटमणि के पिता रामप्रकाश यादव ने कई खुलासे किए। उन्होंने बताया कि मुकुटमणि आज से ही नहीं बल्कि पिछले 15 साल से कथावाचक के तौर पर कथावाचन कर रहा है। रामप्रकाश यादव ने बताया कि इसके लिए मुकुटमणि ने गुरु-शिष्य परंपरा के अनुसार अवधेश यादव को अपना गुरु मान मानकर उनसे दीक्षा ली थी। अवधेश यादव से ही मुकुटमणि ने कथावाचन का काम सीखा था। इस घटना को लेकर रामप्रकाश ने कहा कि सिर्फ उनका परिवार ही नहीं बल्कि पूरा गांव इससे काफी परेशान है।

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संत यादव ने बड़ा खुलासा

वहीं, मुकुटमणि यादव के सहायक संत यादव ने बताया कि उन्होंने बायोलॉजी में B.Sc की है। मुकुटमणि के साथ जुड़ने से पहले वह सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल में टीचर थे। कोरोना के बाद उन्होंने टीचिंग का काम छोड़ दिया और कथावाचक मुकुटमणि के साथ उनके सहायक आचार्य बन गए। संत यादव ने बताया कि उन्हें संस्कृत पढ़ना और समझना अच्छे से आता है। इसलिए उन्होंने कथावाचन क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

First published on: Jun 27, 2025 03:02 PM

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