नई दिल्ली: मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद के करीबियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार शिकंजा कस रही है। ताजा मामले में ईडी को अतीक के सहयोगियों के यहां छापेमारी में अहम सुराग हाथ लगे हैं। अवैध संपत्तियों की बिक्री और खरीद से जुड़े दस्तावेज, 17.80 लाख रुपए कैश और कई अहम सबूत ईडी ने जब्त किए हैं।
एजेंसी ने शनिवार को बताया कि 14-15 जून को प्रयागराज, लखनऊ और दिल्ली में 10 ठिकानों पर छापेमारी की गई। प्रयागराज में चार्टर्ड अकाउंटेंट नीरज अग्रवाल के ठिकाने से अतीक के बेटे असद के नाम पर बड़े पैमाने पर निवेश किए जाने से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा ईडी ने अतीक के करीबी रियल स्टेट कारोबारियों के ठिकानों को भी खंगाला।
इन ठिकानों से नकदी, संपत्तियों की बिक्री और खरीद से संबंधित दस्तावेज, कंपनियों के वित्तीय दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट, मोबाइल जब्त किए गए। एजेंसी ने कहा कि जब्त किए गए सबूतों का भौतिक और फोरेंसिक विश्लेषण जारी है।
ED conducted searches on 14-15 June at 10 premises in Prayagraj, Lucknow & New Delhi belonging to various aides and associates of Late Atiq Ahmad including renown builders, CA. Rs. 17.80 Lakh cash, various incriminating documents, property documents, financial documents of… pic.twitter.com/GfWWTVYTEk
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 17, 2023
अतीक पर दर्ज थे 100 से ज्यादा केस
दरअसल, अतीक अहमद एक हिस्ट्रीशीटर था और एक गिरोह चलाता था। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में हत्या, जबरन वसूली, जमीन हड़पने आदि अपराधों की लगभग 100 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
जांच के दौरान यह पाया गया कि 1989 से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होकर और सरकार और अन्य लोगों की भूमि संपत्तियों को हड़प कर, अतीक अहमद ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों और अपने सहयोगियों और अन्य बेनामीदारों के नाम पर बड़ी संपत्ति अर्जित की। जिनके नाम पर बेनामी संपत्ति है।
15 अप्रैल को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
ईडी ने इस मामले में पहली बार 12-13 अप्रैल को छापेमारी की थी, जिसमें 84.68 लाख रुपये नकद, 60 लाख रुपये की सोने की छड़ें, 2.85 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण, डिजिटल उपकरण और विभिन्न भौतिक दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए गए थे। अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को 15 अप्रैल को प्रयागराज में गोली मार दी गई थी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
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