वसंत चौहान, ठाणे
ठाणे पुलिस ने एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। खिलौनों की दुकान की आड़ में चल रहा था करोड़ों का नशे का धंधा जिसका नेटवर्क महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। पुलिस की कार्रवाई में एक ऐसा इंटरस्टेट ड्रग रैकेट सामने आया है जिसने आम लोगों को हैरान कर दिया है। यह मामला सिर्फ मादक पदार्थों की तस्करी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मासूम बच्चों के खिलौनों की आड़ में मौत का सामान बेचा जा रहा था।
अयोध्या में चला छापा, 9 किलो MD बरामद
विशेष सूचना के आधार पर थाणे क्राइम ब्रांच और उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने अयोध्या जिले के सोहावल इलाके में एक दुकान पर छापा मारा। यहां से 9.148 किलो मेफेड्रोन (एम.डी.) जब्त किया गया जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 2.30 करोड़ रुपये बताई गई है। यह ड्रग्स एक टॉय शॉप के अंदर छिपा कर रखा गया था।
मासूमों के खिलौनों की ओट में मौत का सामान
मुख्य आरोपी मोहम्मद कासिम उर्फ कासिम युसुफ हाशमी नाम का व्यक्ति है जो अयोध्या में एक खिलौनों की दुकान चलाता था। लेकिन इस दुकान का असली चेहरा कुछ और ही था। बाहर से दुकान में खिलौने दिखते थे, लेकिन अंदर एम.डी. जैसे खतरनाक नशे का भंडार रखा गया था।
पढ़ा-लिखा साथी निकला केमिकल का सौदागर
इस केस में दूसरा आरोपी बिपिन बाबूलाल पटेल है जो अहमदाबाद से रसायन शास्त्र में M.Sc कर चुका है। लेकिन उसने अपने ज्ञान का इस्तेमाल समाज को सुधारने के बजाय ज़हर बेचने में किया। DRI ने उसे पहले भी ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया था।
कई राज्यों में दर्ज हैं केस, बड़ा नेटवर्क होने का शक
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, इन दोनों आरोपियों के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले अयोध्या, लखनऊ और ठाणे में दर्ज हैं। पुलिस को शक है कि यह नेटवर्क किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है। इस दिशा में अब जांच और आगे बढ़ाई जा रही है।
डीसीपी अमर सिंह जाधव की अगुआई में बड़ी कामयाबी
इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व थाणे क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमर सिंह जाधव ने किया। उनके साथ वरिष्ठ PI अनिल देसाई, PI गिरीश पाटील, API अजित सपकाळ और शंतनु पाटील की टीम भी शामिल थी। पुलिस का कहना है कि इस रैकेट के और भी तार देशभर में फैले हो सकते हैं।