CM Yogi Adityanath on Masjid Controversy: देश की कई जगहों पर मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद छिड़ा है। संभल का शाही जामा मस्जिद मामला अभी तक सुर्खियों में है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर-मस्जिद विवाद पर चुप्पी तोड़ी है।
मंदिर-मस्जिद विवाद पर बोली सीएम योगी
सीएम योगी का कहना है कि किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं बोलना चाहिए। हम जिस दिन मस्जिद बोलना बंद कर देंगे, उस दिन लोग जाना भी बंद कर देंगे। वैसे भी ये इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है कि किसी की भी आस्था को ठेस पहुंचा कर वहां मस्जिद जैसा ढांचा खड़ा कर दिया हो, ऐसे संस्थान पर किसी प्रकार की होनी वाली इबादत खुदा को भी मंजूर नहीं होती है। इस्लाम में उपासना के लिए ढांचे की जरूरत नहीं है, जब कि ये सनातन धर्म में है।
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नए भारत को उड़ान देने का समय- सीएम योगी
प्रयागराज के महाकुंभ नगर में आजतक से बातचीत के दौरान योगी आदित्यनाथ से जब पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने सिविल न्यायालय को प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट से जुड़े मामले लेने से साफ मना कर दिया है। इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातनी पूजा करने के लिए मंदिर जाते हैं। किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद कहना गलत है। यह नए भारत को उड़ान देने का समय है। हमें पिछले विवाद भुलाकर एक रहना होगा।
वक्फ बोर्ड या भू माफिया?
महाकुंभ की जमीन को वक्फ बोर्ड का हिस्सा बताने वाले सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि पिछले हजारों साल से प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ लग रहा है। अगर आज कोई उठकर कहता है कि यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। तो हमें पूछना चाहिए कि यह वक्फ बोर्ड है या कोई भू माफिया। यह कब तक चलेगा। हमें यह विवाद खत्म करना होगा।
संभल पर तोड़ी चुप्पी
संभल विवाद पर बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि संभल जिले से ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है। यह दावा बेतुका है। पुराणों में संभल को भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि की जन्मस्थली बताया गया है। 5 हजार साल पहले इस धरती पर इस्लाम नहीं था तो उस दौर में जामा मस्जिद का जिक्र कैसे हो सकता है? आइन-ए-अकबरी में लिखा है कि 1526 में श्री हरि विष्णु मंदिर को ध्वस्त करके जामा मस्जिद बनाई गई थी। इस गलती को स्वीकार करते हुए स्वेच्छा से जमीन वापस कर देनी चाहिए। यह देश मुस्लिम लीग की मानसिकता पर नहीं चलेगा।
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