5 दिन बार चारधाम यात्रा फिर से शुरू हो गई है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए भारी बारिश के अलर्ट के बाद यात्रियों को रोका गया और यात्रा भी संस्पेंड कर दी गई थी। हालांकि मौसम में सुधार के बाद प्रशासन ने इस पर से रोक हटा ली है और अब जिलाधिकारी इस मामले को लेकर मौसम के आधार पर निर्णय लेंगे।
इस साल चारधाम यात्रा एक दशक से भी ज्यादा समय के बाद सबसे अधिक बार बाधित हो रही है. लगातार बारिश, बादल फटने, भूस्खलन के कारण बार-बार यात्रा को रोकना पड़ा है. इससे पहले साल 2013 की आई केदारनाथ बाढ़ के दौरान हुआ था।
इस साल चार धाम यात्रा मौसम की वजह से 50 दिनों से अधिक समय तक रुकी रही है। वहीं कोरोना काल के बाद इस बार लोगों को भारी नुकसान झेलना पीडीए है। गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा 20-20 दिनों के लिए स्थगित कर दी गई, जबकि बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा को चार-चार दिनों के लिए रोका गया था।
आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से मौसम संबंधी घटनाओं के कारण 80 लोगों की जान चली गई, 114 घायल हो गए और 95 लोग अभी भी लापता हैं। इन घटनाओं में 229 घर नष्ट हो गए और 1,828 को नुकसान पहुंचा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बारिश कम हुई है, जिससे कई सप्ताह की भारी बारिश के बाद राहत मिली है।
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हाल ही में हुई बारिश के कारण उत्तराखंड में भारी बारिश जारी है। जिससे भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं हुई हैं, जिससे चारधाम यात्रा सहित 374 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, भूस्खलन और चट्टान गिरने के कारण 374 सड़कें बंद हो गईं, जिनमें 249 पीएमजीएसवाई और 86 पीडब्ल्यूडी सड़कें शामिल हैं। उत्तरकाशी में सबसे ज़्यादा 55 सड़कें बंद रहीं, उसके बाद उधम सिंह नगर और अल्मोड़ा में 43-43 सड़कें बंद रहीं। पौड़ी और रुद्रप्रयाग में 37 और 42 सड़कें बंद रहीं।