शाहनवाज चौधरी, बुलंदशहर
बुलंदशहर की अदालत ने बुधवार को धर्म परिवर्तन के बाद रेप करने के मामले में दोषी युवक को सजा सुनाई है। न्यायाधीश वरुण कुमार निगम की अदालत ने आरोप सिद्ध होने पर दिव्यांग युवक को दोषी करार दिया था, जिसे 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है। दोषी पर 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं भरने की सूरत में उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। बुलंदशहर के खुर्जा की रहने वाली एक महिला का विवाह अलीगढ़ में हुआ था। वह अक्सर अपने मायके खुर्जा आती-जाती रहती थी। महिला के मोहल्ले में मुरादाबाद निवासी यूनुस का भी आना-जाना था।
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वर्ष 2013 में यूनुस बहला फुसलाकर महिला को भगा ले गया। महिला के साथ उसका 10 साल का बेटा भी था। आरोपों के मुताबिक यूनुस ने पीड़िता का धर्म परिवर्तन करवाया और 2 साल तक उससे रेप किया। किसी को कुछ भी बताने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। एक दिन पीड़िता किसी तरह यूनुस के चंगुल से छूटकर घर पहुंची और परिजनों को आपबीती बताई।
आरोपी को ले जाती पुलिस pic.twitter.com/eiwpDEtMzc
— parmod chaudhary (@parmoddhukiya) March 26, 2025
परिजनों ने दर्ज करवाई थी गुमशुदगी
वर्ष 2013 में महिला के लापता होने के बाद परिजनों ने थाना खुर्जा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन महिला के वापस आ जाने के बाद मामले में रेप की धाराएं एड की गई थीं। FIR में धर्म परिवर्तन का जिक्र भी किया गया था। पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिया कि यूनुस ने उसका धर्म परिवर्तन कराया और बार-बार रेप किया। वहीं, यूनुस ने कहा कि पीड़िता उसके साथ अपनी मर्जी से गई थी। हालांकि न्यायालय में आरोपी इसको लेकर कोई सबूत पेश नहीं कर सका। कोर्ट ने यूनुस को दोषी मानते हुए सजा सुना दी है। यूनुस के वकील ने कोर्ट में कुछ दस्तावेज भी पेश किए थे, जबकि पीड़िता ने कहा कि जबरन उससे कोरे कागज पर साइन करवाए गए थे।
खुद को बताया था हिंदू
ADGC क्राइम विजय कुमार शर्मा ने बताया कि यूनुस ने पीड़िता को मुलाकात के दौरान अपना नाम गुड्डू शर्मा बताया था, लेकिन बाद में वह यूनुस खान निकला। आरोपों के अनुसार उसने महिला का धर्म परिवर्तन करवा दिया था। हालांकि कोर्ट ने यूनुस को रेप के मामले में ही दोषी माना। धर्म परिवर्तन को लेकर पीड़िता कोई सबूत पेश नहीं कर पाई।
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