आजम खान के परिवार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. शुक्रवार को आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट रखने के मामले में बड़ा झटका लगा है. बता दें कि अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट के मामले में कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं कोर्ट ने अब्दुल्ला पर पचास हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
मिली जानकारी के अनुसार, दो पासपोर्ट के मामले में अब्दुल्ला अकेले आरोपित है. इससे पहले दो जन्म प्रमाण पत्र में आजम खां, उनकी पत्नी और अब्दुल्ला को सजा हुई थी, जबकि दो पैन कार्ड मामले में आजम खां और अब्दुल्ला को सजा हुई थी.
अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनते ही उसके राजनीतिक करियर पर एक और ग्रहण लग गया है. पहले से ही जन्म-प्रमाण-पत्र फर्जीवाड़े में विधायकी जा चुके और बर्खास्त हो चुके अब्दुल्ला के लिए यह दूसरी बड़ी सजा है, जिससे उनकी चुनाव लड़ने की राह लगभग बंद हो गई है. पिता आजम खान खुद 100 से ज्यादा मुकदमों में उलझे हैं और बेटे की सजा ने फिर परिवार को झटका दे दिया है. समाजवादी पार्टी के लिए भी यह बुरा संदेश है, क्योंकि आजम खान को पार्टी का सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा माना जाता है. कोर्ट ने दोनों को जुर्माना भी ठोका है. अगर तय समय में जुर्माना जमा नहीं हुआ तो अतिरिक्त कैद भी काटनी पड़ेगी. कुल मिलाकर आजम परिवार की कानूनी जंग अब कई साल और लंबी चलने वाली है.
क्या था पूरा मामला?
रामपुर के भाजपा विधायक और कट्टर आजम-विरोधी माने जाने वाले आकाश सक्सेना ने साल 2019 में सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उनका सीधा आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने दो अलग-अलग जन्मतिथि वाले जन्म प्रमाण-पत्रों के आधार पर दो अलग-अलग पासपोर्ट बनवाए हैं और जरूरत के मुताबिक दोनों का इस्तेमाल किया. यानी एक ही शख्स के नाम पर दो पासपोर्ट – एक में जन्मतिथि 30 दिसंबर 1990 और दूसरे में 1 जनवरी 1993 दिखाई गई. आकाश सक्सेना ने इसे धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी दस्तावेजों के दुरुपयोग का मामला बताया. पुलिस ने जांच पूरी करके चार्जशीट दाखिल की और मामला विशेष MP-MLA कोर्ट में चला गया.










