Uttar Pradesh Greater Noida (जुनेद अख्तर) : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी क्षेत्र के पतवाड़ी गांव में बगैर भूमि अधिग्रहण किए भूखंड आवंटन मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। सूत्रों से पता चला है कि अथॉरिटी अधिकारी समेत तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि दो अन्य लोगों पर भी तलवार लटकी हुई है। जल्द ही इन दो अधिकारियों को भी सस्पेंड कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई शासन स्तर से संस्तुति मिलने के बाद की गई है।
हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एक्शन
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के पतवाड़ी गांव में बगैर भूमि अधिग्रहण किए भूखंड आवंटन के एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अथॉरिटी ने अपने पांच अधिकारियों को निलंबित करने की संस्तुति शासन से की थी। सूत्रों से पता चला है कि शनिवार देर शाम इनमें से तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिसके बाद इस मामले में जुड़े अन्य अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है। कोई भी अधिकारी इस मामले में बात करने से बच रहा है।
इनकी भूमिका मिली थी संदिग्ध
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पतवाड़ी गांव में बिना अधिग्रहित भूमि पर एक भूखंड का आवंटन किया गया था। बाद में भूखंड का लीज प्लान तैयार कर लीज डीड भी करा दी गई। भूखंड का कब्जा देने के समय पता चला कि जहां भूखंड आवंटित किया गया है, वह भूमि अथॉरिटी के पास है ही नहीं। इस मामले में अथॉरिटी के विशेष कार्याधिकारी आर के देव, यहां नियुक्त रहे एक तहसीलदार, वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीण सलोनिया, प्रबंधक कमलेश कुमार चौधरी उर्फ डॉ के डी मणी और लेखपाल श्रीपाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
नोएडा अथॉरिटी में नियुक्त प्रवीण सलोनिया
बताया जा रहा है कि इस संबंध में पीड़ित किसान द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट ने अथॉरिटी से संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब कर ली। अथॉरिटी की एसीईओ श्री लक्ष्मी वी एस ने बताया कि पांचों अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन की संस्तुति शासन से की गई है। सूत्रों के अनुसार इनमें से के डी मणी, प्रवीण सलोनिया व श्रीपाल को निलंबित कर दिया गया है। प्रवीण सलोनिया फिलहाल नोएडा अथॉरिटी में नियुक्त है।