UP News: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Govt) ने प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को 72 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया। बताया गया है कि विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों के बीच जांच में सामने आया कि सभी भूखंड बिना किसी लीज डीड के बेकार पड़े हुए हैं।
वर्ष 2012 से नहीं किया कोई भुगतान
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इन भूखंडों के लिए वर्ष 2012 से एक भी रुपया भुगतान नहीं किया गया। राज्य के उद्योग विभाग ने दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट पर फतेहपुर जिले के फतेहपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित इन औद्योगिक भूखण्डों का आवंटन निरस्त करने का आदेश दिया।
UP के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान के नाम दर्ज़ 72 प्लॉट रद्द हुए
◆ फ़ैसला फतेहपुर में गुपचुप बुलाई गई उद्योग बंधु की स्पेशल मीटिंग में लिया गया
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— News24 (@news24tvchannel) February 22, 2023
इन दो स्थानों पर हैं 72 औद्योगिक प्लॉट
बताया गया है कि विभाग बड़े पैमाने पर इन औद्योगिक भूखंडों को आवंटित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू करने की भी योजना बना रहा है। मिनी इंडस्ट्रियल अस्थान चकराता में 32 और सदुआपुर में 40 प्लॉट आवंटित किए गए थे।
हाल ही में हुई है इन प्लॉटों की पहचान
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीसी) के पास फतेहपुर के औद्योगिक क्षेत्र में 367 भूखंड थे, जिनमें से 72 भूखंडों को तत्कालीन लोकसभा सांसद सचान को आवंटित किए गए थे। बताया गया है कि इस मामले से पर्दा तब उठा जब राज्य सरकार ने हाल ही में खाली पड़े इन भूखंडों की पहचान की।
पिछले साल इस कारण सुर्खियों में आए मंत्री सचान
बता दें कि राकेश सचान सेंट्रल यूपी के एक प्रभावशाली नेता है। पिछले साल उनका नाम तब सुर्खियों में आया था जब एक अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने उन्हें वर्ष 1991 के आर्म्स एक्ट मामले में एक साल के कारावास की सजा और 1,500 रुपये का जुर्माना लगाया था।
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा
इतना ही नहीं, उन पर यह भी आरोप लगा था कि वह अदालत के आदेश की प्रति (कॉपी) लेकर कोर्ट रूम से भाग गए थे। इसके बाद अपर मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के रीडर ने उसके खिलाफ कानपुर के कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया ता। हालांकि मंत्री राकेश सचान ने इन आरोपों का खंडन किया था।