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UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट-लखनऊ खंडपीठ के सभी सरकारी वकील हटाए, जानें योगी सरकार का बड़ा फैसला

UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने न्याय व्यवस्था में बड़ा फेलबदल किया है। राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ खंडपीठ (Lucknow Bench) के आठ सौ से ज्यादा सरकारी वकीलों (Government Prosecutors) को हटा दिया है। इनके स्थान पर नए वकीलों की तैनाती की गई है। विधि एवं न्याय विभाग […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Aug 2, 2022 14:51
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UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने न्याय व्यवस्था में बड़ा फेलबदल किया है। राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ खंडपीठ (Lucknow Bench) के आठ सौ से ज्यादा सरकारी वकीलों (Government Prosecutors) को हटा दिया है। इनके स्थान पर नए वकीलों की तैनाती की गई है। विधि एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल की ओर से इसका आदेश जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक हटाए गए सभी सरकारी वकील पिछली सरकार में तैनात किए गए थे।

तत्काल प्रभाव से सेवाएं समाप्त करने का आदेश

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 366 और लखनऊ खंडपीठ में 220 नए सरकारी वकीलों की नियुक्ति की है। जबकि पिछली सरकार में नियुक्त हुए 841 सरकारी वकीलों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। उत्तर प्रदेश के विधि एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल की ओर से जारी हुए आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्त सभी सरकारी वकीलों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश दिया गया है।

नए सिरे से की गई वकीलों की नियुक्ति

आदेश के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ से 505 राज्य विधि अधिकारी और हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से 336 सरकारी वकीलों को हटाया गया है। जबकि राज्य सरकार ने नए सिरे से इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ खंडपीठ में सरकारी वकीलों की नियुक्ति की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनके साथ ही लखनऊ खंडपीठ की दो चीफ स्टैंडिंग काउंसिल की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं। 33 अतिरिक्त सरकारी वकील, क्रिमिनल साइड के 66 और 176 सिविल ब्रीफ होल्डर भी हटाए गए हैं। 59 एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल और स्टैंडिंग काउंसिल की सेवाएं भी समाप्त कर दी ई हैं।

First published on: Aug 02, 2022 02:51 PM
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