Palghar Mob Lynching case: महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2020 के पालघर मॉब लिंचिंग मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को हस्तांतरित करने के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मंगलवार को कहा कि मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा मामले की जांच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए।
Truth should come out: Narayan Rane on Palghar sadhus lynching case
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वहीं, एकनाथ-शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में साधुओं के 2020 पालघर लिंचिंग मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने पर सहमति व्यक्त की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह 2020 के पालघर में साधुओं के लिंचिंग मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है और उसे इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। दरअसल, दो साधुओं के दुर्भाग्यपूर्ण हमले और लिंचिंग से उत्पन्न याचिकाओं पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा हलफनामा दायर किया गया है था जिसमें इस मामले में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने के लिए मामले में जांच की सीबीआई को देने मांग की गई है।
पालघर मॉब लिंचिंग की जांच CBI से कराने को तैयार हुई महाराष्ट्र सरकार।
◆ शिंदे सरकार ने अदालत में दायर हलफनामे में कहा "इस मॉब लिंचिंग की CBI जांच कराने में कोई आपत्ति नहीं है।"@mieknathshinde @Dev_Fadnavis pic.twitter.com/prmNvHtBNt
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गौरतलब है कि इस याचिका में पालघर जिले में हुई घटना की सीबीआई या अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की गई है। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि पालगढ़ लिंचिंग मामले में जांच पूरी कर ली गई है। महाराष्ट्र सरकार ने पहले सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि सभी दोषी पुलिस अधिकारियों को दंडित किया गया है या सेवाओं से निलंबित कर दिया गया है।