Republic Day 2023: कोलकाता राजभवन में हाथे खोरी कार्यक्रम का आयोजन क्यों करवा रही ममता सरकार, जानें…
Republic Day 2023, Cv Anand Bose
कोलकाता से अमरदेव पासवान की रिपोर्टः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस के लिये आज का दिन बहुत खास है। खास इसलिये की आज एक तरफ जहां पूरा देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, तो वहीं दूसरी ओर विधा की देवी मां सरस्वती की पूजा भी है।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के राजभवन में भी आज का दिन कुछ खास तरह से मनाया जा रहा हैं। ममता सरकार राजभवन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हांथे खोरी कार्यक्रम का आयोजन कर रही हैं
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राज्यपाल ने जताई थी बांग्ला भाषा सीखने की इच्छा
इस कार्यक्रम का नाम उन्होंने हाथे खोरी इसलिए रखा है, क्योंकि गुरुवार को विधा की देवी मां सरस्वती की पूजा भी है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस ने अपने शपथ ग्रहण के दौरान यह इच्छा प्रकट की थी की वह बंगाल की समस्याओं को अच्छे से समझने के लिये बांग्ला भाषा सीखना चाहेंगे। वहीं बंगाल के नवनियुक्त राज्यपाल की इच्छा पर ख़ुशी और प्रसन्नता दिखाते हुए मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा था की जिस दिन वह बांग्ला भाषा सीखने की शुरुआत करेंगे, उस दिन वह खुद राजभवन मे उपस्थित रहेंगी।
जानें क्या है हाथे खोरी
संयोग से आज के दिन गणतंत्र दिवस के साथ-साथ मां सरस्वती की पूजा भी है, ऐसे में आज के दिन को शुभ माना गया। जिसके तहत मुख्यमंत्री ने राजभवन मे गणतंत्र दिवस के मौके पर हाथे खोरी नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन करवा दिया। बंगाली प्रथा में हाथे खोरी का आयोजन सरस्वती पूजा के मौके पर ही किया जाता है, जिस कार्यक्रम मे मां सरस्वती की पूजा याचना के बाद बच्चों के हाथों मे विधि-विधान के साथ पुरोहित के मंत्रोच्चारण के दौरान स्लेट और पेंसिल दी जाती है, साथ ही बच्चों के हाथों से पहला अक्षर भी लिखवाया जाता है।
शुभेंदु अधिकारी को मिला है न्यौता
मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल डॉक्टर सीवी आंनद बोस को बंगाली भाषा की ज्ञान दिलवाना चाहती हैं, ठीक उसी तरह जिस तरह बंगाली प्रथा मे बच्चों को ज्ञान के पहले पाठ से अवगत करवाया जाता है। हालांकि इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को भी उपस्थित रहने का न्योता दिया गया है, पर वह इस कार्यक्रम मे उपस्थित होंगे या नहीं इस पर अब भी संशय है।
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केरल में हुई राज्यपाल की परवरिश
बताते चलें की राज्यपाल डॉक्टर सीवी आंनद बोस के माता पिता बांग्ला भाषी रहे हैं, लेकिन राज्यपाल की परवरिश केरल में होने के कारण उनकी हिंदी और अंग्रेजी भाषा में ही पकड़ रही। वह बांग्ला भाषा से कोसों दूर रहे, फिलहाल उनकी बांग्ला भाषा सीखने और समझने की इच्छा बंगाल की जनता के लिये कार्य करने का एक अलग ही अनुभव उनको देगा।
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