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Rajasthan Politics: आखिर लाल डायरी में कौन से सियासी राज छिपे हैं, जिसे लेकर विधानसभा पहुंचे थे राजेंद्र गुढ़ा, यहां जानें

Rajasthan Politics: गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा सोमवार को विधानसभा में लाल डायरी लेकर पहुंचे थे। गुढ़ा वो डायरी लहराते हुए विधानसभा स्पीकर के पास पहुंच गए। स्पीकर उन्हें जगह पर जाकर बैठने के लिए बोलते रहे लेकिन गुढ़ा वहीं खड़े रहे। इसी बीच शांति धारीवाल गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jul 25, 2023 11:37
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Rajasthan Politics, Rajendra Gudha Lal Diary

Rajasthan Politics: गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा सोमवार को विधानसभा में लाल डायरी लेकर पहुंचे थे। गुढ़ा वो डायरी लहराते हुए विधानसभा स्पीकर के पास पहुंच गए। स्पीकर उन्हें जगह पर जाकर बैठने के लिए बोलते रहे लेकिन गुढ़ा वहीं खड़े रहे। इसी बीच शांति धारीवाल गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव विधानसभा में रख रहे थे तब गुढ़ा ने उनका माइक नीचे कर दिया। इस दौरान शिव विधायक अमीन खां भी आ गए और दोनों के बीच हाथापाई होने लगी। इसके बाद स्पीकर के आदेश पर गुढ़ा को मार्शलों ने बाहर निकाल दिया।

लाल डायरी को लेकर राजस्थान में उत्सुकता

राजस्थान के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि आखिर उस लाल डायरी में क्या है। जिसको लेकर विधानसभा में इतना हंगामा हुआ। गुढ़ा यह दावा पहले भी कर चुके थे कि वे इस डायरी के राज खोलेंगे। डायरी को लेकर राजनीतिक गलियारों में बड़ी उत्सुकता है। कांग्रेस के अधिकतर नेता यह जानते हैं कि सीएम गहलोत के नजदीकी धर्मेंद्र राठौड़ को डायरी लिखने की आदत है। वे पिछले कई सालों से नियमित रूप से डायरी लिखते आए हैं। यहां तक कि राठौड़ अपनी आगे की प्लानिंग भी डायरी में लिखा करते थे।

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डायरी में हो सकते हैं कई सियासी राज!

राजस्थान में जुलाई 2020 में सचिन पायलट की बगावत के बाद जब सब कुछ ठीक हो गया था। इसके बाद नवंबर 2020 में आईटी ने धर्मेंद्र राठौड़ के ठिकानों पर रेड की थी। उस दिन राठौड़ के घर पर 2 डायरियां थी एक डायरी तो आईटी के हाथ लग गई लेकिन दूसरी डायरी गुढ़ा के हाथ लग गई। गुढ़ा का दावा था कि इस डायरी में कई सियासी राज छिपे हुए हैं।

सियासी संकट के वक्त की है कहानी

जुलाई 2020 में गहलोत सरकार पर सियासी संकट आया था। सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर चले गए थे। इधर गहलोत भी अपने समर्थक विधायकों के साथ 34 दिनों तक होटल में रहे। पहले जयपुर और उसके बाद जैसलमेर। उन दिनों प्रदेश की सियासी फिजाओं में इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि वसुंधरा राजे गहलोत सरकार गिराने के पक्ष में नहीं है।

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हालांकि बीजेपी भी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी कर रही थी। जयपुर एयरपोर्ट पर कुछ हेलीकाॅप्टर आए थे जिनके जरिए कुछ विधायकाें को दक्षिण भारत भेजा जाना था। लेकिन विधायक आए ही नहीं और हेलीकाॅप्टर खाली रह गए। गुढ़ा का आरोप है कि अशोक गहलोत बीजेपी विधायकों को करोड़ों रूपए देकर खरीद लिया था। उस लेन-देन के सबूत इस डायरी में थे। कहा जा रहा है कि इसके अलावा इस डायरी में राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय विधायकों को दिए गए प्रलोभन की भी जानकारी है।

डायरी लाने के बाद सीएम ने की थी गुढ़ा की तारीफ

गुढ़ा ने कहा कि जब वे गुढ़ा के घर से डायरी लेकर आ गए तो सीएम गहलोत ने उसकी तारीफ की थी। इसके बाद गहलोत ने उस डायरी को जलाने के लिए कहा था। गुढ़ा के अनुसार सीएम गहलोत ने उस डायरी के संबंध में कई बार फोन किया था और यह पूछा था कि डायरी को जलाया या नहीं। इसलिए राजस्थान के सियासी फिजाओं में इस बात की चर्चा है कि आखिर उस डायरी में ऐसे क्या राज है जिनको स्वयं सीएम ने राठौड़ के घर से लाने के लिए कहा था।

जयपुर से केजे श्रीवत्सन की रिपोर्ट

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Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Jul 25, 2023 11:27 AM

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