Rajasthan Youth Parliament: राजस्थान विधानसभा का सदन सोमवार को कुछ अलग नज़ारा पेश करेगा. जहां आमतौर पर विधायकों की आवाज़ गूंजती है, वहां इस बार राज्य के हर जिले से आए छात्र-छात्राएं लोकतंत्र की बारीकियां सीखते और अपने भविष्य पर खुलकर बहस करते नजर आएंगे. मौका है एक दिवसीय युवा संसद का. सुबह 11 बजे युवा संसद का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी दीप प्रज्ज्वलन के साथ करेंगे. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के सचिव संदीप शर्मा भी मौजूद रहेंगे. यह आयोजन केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ने की एक ठोस पहल माना जा रहा है.
छात्र-छात्राओं का सफर भी कम दिलचस्प नहीं
इस युवा संसद तक पहुंचने का इन छात्र-छात्राओं का सफर भी कम दिलचस्प नहीं रहा. अगस्त-सितंबर में प्रदेश के सभी 378 ब्लॉकों में दो स्तर पर चयन प्रक्रिया हुई. पहले ब्लॉक, फिर जिला स्तर पर प्रतिभा परखी गई. जीवन कौशल, वित्तीय साक्षरता, जलवायु परिवर्तन की समझ, नागरिकता, नैतिक मूल्य और टीम वर्क जैसे मानकों पर खरे उतरने वाले विद्यार्थियों को राज्य स्तर तक पहुंचने का मौका मिला.
प्रदेश के सभी 41 जिलों का प्रतिनिधित्व
सोमवार को विधानसभा में होने वाली इस युवा संसद में प्रदेश के सभी 41 जिलों का प्रतिनिधित्व होगा. राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक पढ़ने वाले 164 छात्र-छात्राएं युवा संसद का हिस्सा बनेंगे. दो घंटे की चर्चा में “हमारा भविष्य, हमारा निर्णय”, किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य और सही करियर मार्गदर्शन जैसे अहम विषयों पर युवाओं की सोच सामने आएगी.
छात्र केवल दर्शक नहीं, नेता भी
इस संसद की खास बात यह भी है कि छात्र केवल दर्शक नहीं, बल्कि भूमिका निभाने वाले नेता होंगे. सीकर के यश गोस्वामी स्पीकर की कुर्सी संभालेंगे, बांसवाड़ा के अथर्व जोशी मुख्यमंत्री बनेंगे, उदयपुर की हिमानी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगी, जबकि डूंगरपुर की मौली भट्ट शिक्षा मंत्री के रूप में सदन में अपनी बात रखेंगी.
कुल मिलाकर, यह युवा संसद सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उस पीढ़ी की आवाज़ है जो आने वाले समय में लोकतंत्र की बागडोर संभालने वाली है. जयपुर से उठने वाली यह युवा आवाज़ें शायद भविष्य की राजनीति की दिशा भी तय करें.









