Rajasthan Husband Murder Case: उत्तर प्रदेश के मेरठ जैसी लव स्टोरी और हत्याकांड राजस्थान के अलवर जिले में देखने को मिला है। मेरठ के सौरभ राजपूत की तरह हंसराम की हत्या कर दी गई। सौरभ की तरह हंसराम का शव भी नीले ड्रम में मिला। सौरभ के शरीर के 4 टुकड़े करके ड्रम में भरे गए थे और सीमेंट से सील कर दिया गया था। हंसराम का गला रेतकर हत्या करके ड्रम में भरकर ऊपर से नमक डाल दिया गया, ताकि शव गल जाए। मुस्कान और साहिल की तरह लक्ष्मी और जितेंद्र भी हत्या करके फरार हो गए।
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17 अगस्त को मिला था हंसराम का शव
अलवर जिले के किशनगढ़बास DSP राजेंद्र सिंह ने बताया कि गांव खैरथल में 17 अगस्त की शाम को आदर्श कॉलोनी में एक घर से नीले रंग के ड्रम में युवक की लाश मिली। मृतक की पहचान हंसराम के रूप में हुई है और उसकी हत्या का आरोप पत्नी लक्ष्मी और उसके प्रेमी जितेंद्र पर लगा है। लक्ष्मी और जितेंद्र हत्या के बाद से ही फरार हैं। हंसराम के 3 बच्चों को भी लक्ष्मी साथ ले गई है। जितेंद्र मकान मालिक का बेटा है। हंसराम की लाश छत पर रखे नीले ड्रम में मिली। गला धारदार हथियार से रेता हुआ था और शव को गलाने के लिए ड्रम में नमक डाला हुआ था।
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नाम बदलकर किराये पर लिया था मकान
DSP ने बताया कि लक्ष्मी को इंस्टाग्राम रील्स बनाने का शौक था और छत पर वह अकसर रील्स बनाती लोगों को नजर आती थी। यह जानकारी उसकी मकान मालकिन मिथिलेश और पड़ोसियों ने दी। मिथिलेश ने ही ड्रम से बदबू आने पर पुलिस को सूचना दी थी। मिथिलेश ने ही पुलिस को बताया कि करीब डेढ़ महीना पहले की मृतक परिवार संग रहने के लिए उसके घर आया था। मिथिलेश का बेटा जितेंद्र ही परिवार को लाया था और उसके कहने पर ही मकान उन्हें किराये पर दिया था, लेकिन उसे नहीं पता था कि मृतक का असली नाम हंसराम और उसकी पत्नी का नाम लक्ष्मी है। उसे तो इनका नाम सूरज और सुनीता बताया था। पुलिस को आधार कार्ड मिला तो दोनों का असली नाम पता चला।
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ईंट भट्ठे पर मिले थे जितेंद्र और हंसराम
DSP ने बताया कि आरोपी जितेंद्र की मां मिथिलेश की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। हंसराम भिंडूसी गांव का निवासी था। उसकी मुलाकात जितेंद्र के साथ ईंट भट्ठे पर हुई थी। जितेंद्र ईंट भट्ठे पर मुनीम था। हंसराम और लक्ष्मी वहां मजदूरी करते थे। बारिश होने के कारण ईंट भट्ठा ठप हो गया था। इसलिए जितेंद्र ने उन्हें अपने घर रहने की जगह थी। छत पर बने कमरे में हंसराम-लक्ष्मी और 3 बच्चे रहते थे। हंसराम 1500 रुपये किराया देता था, लेकिन उसे पता नहीं था कि जितेंद्र के साथ लक्ष्मी के प्रेम संबंध थे।