Rajasthan: राजस्थान के सिरोही में एक दूल्हे ने अनूठी मिशाल पेश की है। यहां मगरीवाडा गांव में गुजरात से बारात लेकर आए दूल्हे ने टीके में मिले एक लाख 11 हजार रुपए वापस लौटा दिए। उसने अपने पास महज 11 रुपए और नारियल रखा। वहीं, दूल्हे के परिवारवालों ने कहा कि दुल्हन की असली दहेज है। राजपूत समाज में हुई इस अनूठी शादी की हर तरफ चर्चा हो रही है।
हमें बेटी ही चाहिए, वही हमारे लिए अनमोल
दरअसल अभापुरा दाता गुजरात के निवासी जय सिंह पुत्र स्वर्गीय दिलीप सिंह परमार का विवाह जिनल कंवर देवड़ा पुत्री उगम सिंह देवड़ा निवासी मगरीवाडा रेवदर जिला सिरोही के साथ तय हुआ था। बरात लेकर जयसिंह अपने होने वाले ससुराल मगरीवाडा पहुंचे। यहां पर रीति रिवाज के अनुसार टीका दस्तूरी के 1,11,000 रुपए से भरी थाल जयसिंह के हाथ में रखी गई। लेकिन उन्होंने रुपए वापस लौटा दिए।
जय सिंह और उनके ताऊ महेंद्र सिंह पुत्र पदम सिंह परमार ने कहा कि हमें पैसा नहीं चाहिए हमें बेटी ही काफी है। उन्होंने वधू पक्ष को 1,11,000 रुपए वापस लौटा दिए और 11 रुपए शगुन के नाम पर अपने पास रखे। इनकी बातों को सुन समाज तथा सगे संबंधियों ने भी इस पहल को काफी सराहनीय बताते हुए कहा कि भविष्य में हम भी इसी तरह वधू पक्ष और उनके परिवार को मान सम्मान देते रहेंगे।

दूल्हे ने दहेज लेने से किया इंकार और रुपए लौटा दिए।
परिवार और समाज इस पहल के लिए खुश
दूल्हे के ताऊ महेंद्र सिंह परमार ने बताया कि विवाह में दुल्हन ही वास्तविक दहेज है और इस बात को चरितार्थ करने में पूरा परिवार और रिश्तेदार काफी खुश है। समाज में इस प्रकार की पहल से राजस्थान के सिरोही जालौर और गुजरात के बनासकांठा क्षेत्र के राजपूत समाज में चर्चा का विषय बना है।
सिरोही से गनपत सिंह की रिपोर्ट।
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