डा. मीना शर्मा: देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बीकानेर यात्रा से पहले एक प्रश्न राजनीतिक विश्लेषको के ज़हन में था। क्या कभी बीकानेर की झोली में मुख्यमंत्री की कुर्सी नसीब होगी? ये सवाल इसलिये भी लाज़मी था कि बीकानेर रैली की कमान जिन दो लोगों के हाथ में थी वो दोनों ही राजस्थान में बीजेपी के मुख्यमंत्री के 10 दावेदारों में 2 बड़े नाम है। शांत व्यक्तित्व के धनी अर्जुन राम मेघवाल केंद्र में कानून मंत्री हैं तो ये स्वाभाविक भी था कि उनके संभाग में प्रधानमंत्री आयेंगे तो सभी काम मेघवाल के नेतृत्व में होगें। उनके साथ कदमताल करते नजर आये राजनीति के परिपक्व खिलाड़ी इसी संभाग से आने वाले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़।
वसुंधरा विरोधी गुट से बनेगा सीएम?
छ: बार के विधायक राजेंद्र राठौड़ को लेकर मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले सप्ताह सवाईमाधोपुर में कहा कि ईआरसीपी बनवा दूंगा आप राजेंद्र जी की सरकार बनवा दो। यानि कि राजेंद्र राठौड़ के लिये सीएम की कुर्सी की लामबंदी करने वालों में वसुंधरा विरोधी खेमे से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सबसे आगे हैं। हालांकि राजेंद्र राठौड़ का प्रदेश में कद इतना बड़ा नहीं बन पाया जिसे निर्विरोध मुख्यमंत्री के रुप में देखा जा सके लेकिन मौजूदा विकल्पों में वो वरिष्ठ है और प्रबल दावेदार भी।
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ भी हैं प्रबल दावेदार
गौरतलब है कि बीकानेर संभाग में कुल 4 ज़िले आते हैं जिनमें विधानसभा की 24 सीट है। यहां बीजेपी के कद्दावर चेहरों में चुरू विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र राठौड़ बड़ा और जाना पहचाना नाम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उनकी पैरवी कर सकते हैं। राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के करीबी रहे फिर वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में मैडम के सबसे प्रिय मंत्री लेकिन आज वसुंधरा जी से उनकी दूरी काफ़ी बढ़ चुकी है।
सीएम की रेस में हैं स्पीकर ओम बिड़ला
मृदुभाषी राठौड़ की यूं तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से भी अच्छी दोस्ती है लेकिन बिड़ला खुद मुख्यमंत्री की रेस में है। जनता दल से बीजेपी में आने की वजह से राठौड़ की विश्वसनियता पर सवाल खड़े करने वाले बीजेपी में ही विरोधी गुट गाहे बगाहे उन्हें बाहरी बताता हैं। बावजूद इसके राठौड़ एक मज़बूत दावेदार हैं और बीजेपी को चुनाव में सफलता मिलती है तो बीकानेर संभाग का ये चेहरा मुख्यमंत्री बन सकता है।
गौरतलब है कि बीकानेर संभाग से राजस्थान में अभी तक कोई मुख्यमंत्री नहीं बन पाया है। अब तक के 14 मुख्यमंत्रियों में सभी संभागों को ये अवसर मिला लेकिन बीकानेर पिछले 70 सालों में इससे वंचित रहा।
मेघवाल की दावेदारी इसलिए मजबूत
बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल इस वक्त देश के कानून मंत्री है। इससे पहले वो संसदीय कार्य मंत्री थे। नरेन्द्र मोदी के पिछले कार्यकाल में वो वित्त राज्य मंत्री भी रहे। उनकी दावेदारी पर जब राजेंद्र राठौड़ से सवाल पूछा तो उन्होंने उनके केंद्र में सफलता पूर्वक काम करने की तारीफ की। राजेंद्र राठौड़ का आशय यह समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर राज्य में काम करने वाले का अधिकार बड़ा होता है।
हालांकि बीजेपी ने 14 मार्च 2017 को मनोहर पर्रिकर को चौथी बार गोवा का मुख्यमंत्री बनाया था। उस वक्त वो देश के रक्षा मंत्री थे। 19 मार्च 2017 को योगी आदित्य नाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ ली। उस वक्त वो गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से चुने हुए सांसद थे। ऐसे में बीकानेर संभाग से अर्जुन राम मेघवाल मुख्यमंत्री पद के मज़बूत दावेदर हैं। केंद्रीय मंत्रियों से सौहार्दपूर्ण रिश्ते और उनका प्रशासनिक अनुभव उनके लिये बोनस का काम कर सकते हैं।
इसी साल प्रस्तावित है विधानसभा चुनाव
राजस्थान में 16 वीं विधानसभा के लिये अभी चुनाव में चार महीने का समय बचा है लेकिन दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। रणथम्भौर में दो दिन विजय संकल्प चिंतन में जीत की रणनीति पर बीजेपी ने गहन विचार विमर्श किया। प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं के दौरे भी तेज़ हो गये हैं। रेल मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, सहित पार्टी अध्यक्ष ने पिछले एक महीने में अलग अलग संभागों के दौरे किये हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीकानेर को 24 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की सौगात दी है।
कल्ला बोले- कांग्रेस दोहराएगी 1985 का इतिहास
लेकिन कांग्रेस दावा कर रही है कि इस बार वो राजस्थान में 1985 का इतिहास दोहराने जा रहे हैं। बीकानेर के कद्दावर कांग्रेस नेता डा बीडी कल्ला ने प्रधानमंत्री की बीकानेर यात्रा को पूरी तरह विफल बताते हुये कहा जैसे 1980 में कांग्रेस सरकार के काम पर विश्वास करते हुये राजस्थान की जनता ने 1985 में कांग्रेस को दोबारा जीत दिलाई थी 2023 के इन चुनावों में भी कांग्रेस वैसे ही वापसी करेगी। कल्ला के मुताबिक प्रधानमंत्री ने बीकानेर के लोगों को ठगा है और इसका जवाब जनता कांग्रेस को जिताकर देगी।
कल्ला भी सीएम के दावेदार
छठी बार के विधायक और बीकानेर संभाग के वरिष्ठ नेता डा कल्ला इस वक्त राजस्थान के शिक्षा मंत्री है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। कई मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी संभाल चुके हैं। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री के दावेदारों में बीकानेर संभाग से कल्ला सबसे अनुभवी, लोकप्रिय और वरिष्ठ चेहरा है। विवादों से दूर रहने वाले कल्ला कांग्रेस के विश्वस्त लोगों की सूची में है और बीकानेर में बीजेपी के पास उनके सामने खड़ा करने वाला उम्मीदवार भी नहीं दिखता।
राजस्थान चुनाव को लेकर चल रही चर्चाओं में पूछा जाता है सचिन पायलट को क्या मिलेगा? वसुंधरा राजे की क्या भूमिका होगी ? प्रदेश में हर पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज़ जनता बदलेगी? और मुख्यमंत्री किस संभाग से बनेगा?
चुनाव के बाद तय होगा सीएम
अक्टूबर में आचार संहिता लग जायेगी और कांग्रेस दावा कर रही है कि उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची सिंतबर में जारी कर दी जायेगी। कांग्रेस संगठन में बहुप्रतिक्षित नियुक्तियां भी बंपर की गयी है। राजस्थान के चुनाव नवंबर में होंगे दिसंबर में सरकार बनेगी। पूर्ण बहुमत का दावा दोनों ही दल कर रहे हैं लेकिन दोनों ही दलों के नेताओं को ये नहीं मालूम अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? बीजेपी में ये मोदी-शाह तय करेंगे तो कांग्रेस में राहुल-खड़गे।
बीकानेर के वरिष्ठ पत्रकार मधु आचार्य का कहना है ‘बीकानेर के लोग संतोषी प्रवृत्ति के हैं। राजनीतिक जागरुकता यहां की पाटा संस्कृति में झलकती है जहां लोग सत्ता की गलत नीतियों का विरोध तो करते हैं लेकिन सत्ता लोभी नहीं है’। ऐसे में ये सवाल और भी यक्ष बन जाता है कि राज परिवार से 5 बार सांसद रहे करणी सिंह के ज़माने से लोकतंत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करने वाले इस संभाग को 2023 में प्रतिफल मिलेगा?