जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में मचा सियासी बवाल रोज नए रूप में उभर कर सामने आता है। रोज नए बयानवीर नेता सामने आते हैं और कुछ न कुछ विवादित बयान देते हैं, फिर इनके काउंटर में बयान आते हैं। और इस तरह से कांग्रेस का यह संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। अब ताजा मामला राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना का है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस में नहीं रहना चाहते हैं, वही बयान दे रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि अगर आलाकमान ने कोई निर्देश जारी करते हुए बयान देने पर रोक लगा दी है, तो फिर बाकी नेताओं को भी इसकी अहमियत समझनी होगी। वहीं अपने मातहत अफसरों और महकमे में अधिकारियों की ACR के मामले पर भी परसादी लाल मीणा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वह भी अपने महकमे में अफसरों की ACR भर रहे हैं। पिछले 3 कार्यकाल में उन्होंने लगातार अपने विभाग में काम कर रहे अफसरों की एसीआर भरी है और उन्हें किसी अधिकारी से कोई परेशानी नहीं हुई है।
अब इसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना के बयान के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि परसादी लाल ने इशारों में पायलट कैंप के माने जाने वाले मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा और विधायक दिव्या मदेरणा को नसीहत दी है। जबकि एसीआर भरने के मामले में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर निशाना साधा है।
दरअसल, बीते दिनों खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की तरफ से अफसरों की ACR भरे जाने को लेकर एक बयान आया था, जिसके जवाब में पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ता की, उन्होंने अपने मन की बात कही। बयानबाजी के इस कुंड में कइयों ने बयानों की आहुति डाली। बेलगाम नौकरशाही को लेकर विधायकों ने भी सवाल खड़े किए थे। इनके अलावा राजेंद्र सिंह गुढ़ा और दिव्या मदेरणा ने भी इस मसले पर लगातार बयान देकर मामले को गरमाए रखा है।