Kota News: मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले के नौड़िया गांव की बेटी प्राची पटेल अब गांव की पहली डॉक्टर बनने जा रही है। प्राची की कड़ी मेहनत के कारण कोटा की शिक्षा योजना में चयन हुआ है। जिसके तहत उसे निशुल्क पढ़ाई, रहने और खाने की सुविधा दी गई। जिसके बाद प्राची ने नीट-2025 में उसने 720 में से 467 अंक हासिल किए। जिससे उसे रीवा स्थित राजकीय श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिला है।
झोपड़ी से मेडिकल कॉलेज तक का सफर
कभी झोपड़ी में पढ़ाई करने और आर्थिक तंगी से जूझने का मजबूर प्राची का परिवार तीन बीघा जमीन पर खेती करके गुजर-बसर करता है। बरसात में घर टपकने लगता है, बिजली-पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है। ऐसे हालात में भी प्राची ने 10वीं में 96.8% और 12वीं में 86.8% अंक प्राप्त किए। नीट की तैयारी के लिए परिवार सक्षम नहीं था, लेकिन कोटा की एक स्कॉलरशिप योजना ने उसका सपना पूरा किया। कोटा आने पर पिता ने जेब खर्च के लिए सिर्फ 5 हजार रुपए दिए थे। खास बात यह रही कि सालभर में उसे कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ा और तैयारी पूरी होने के बाद 2 हजार रुपए बच भी गए।
शिक्षकों को दिया श्रेय
प्राची कहती हैं कि “कोटा जैसे शिक्षक कहीं नहीं मिल सकते। क्लास हो या डाउट काउंटर, हर जगह शिक्षकों ने पूरा साथ दिया है। मेरी सफलता उन्हीं को समर्पित है।” वहीं प्राची के चयन के बाद उसके परिवार समेत पूरे नौड़िया गांव में जश्न का माहौल है। ग्रामीण कहते हैं कि प्राची अब उन बेटियों के लिए उदाहरण है जो कठिन परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती हैं।
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